पटना/गया/उदयपुर। राजस्थान के एक कुख्यात अपराधी ने बिहार में पहचान छिपाकर फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए पासपोर्ट बनवाकर पुलिस और प्रशासन को चौंका दिया है। उदयपुर जिले के नाई थाना क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर दिलीप नाथ बिहार के गया जिले के फर्जी पते का उपयोग करते हुए पटना पासपोर्ट कार्यालय से पासपोर्ट बनवाने में सफल हो गया। मामले के खुलासे के बाद बिहार और राजस्थान, दोनों राज्यों की पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
36 गंभीर अपराधों में नाम
दिलीप नाथ पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, जमीन कब्जा जैसे 36 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से कई मामलों में चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। बताया जा रहा है कि वह तीन महीने पहले विदेश भागने की फिराक में था, लेकिन उदयपुर पुलिस ने समय रहते उसे गिरफ्तार कर लिया।
गया में आधार और बैंक खाता भी खुलवाया
उदयपुर पुलिस की जांच में सामने आया है कि दिलीप ने गया जिले के कोठी थाना अंतर्गत विकोपुर गांव का पता उपयोग कर आधार कार्ड बनवाया। इसके बाद उसी पते पर इमामगंज स्थित पंजाब नेशनल बैंक में बैंक खाता भी खुलवाया गया। यही नहीं, इसी आधार पर 15 अप्रैल 2025 को पासपोर्ट जारी हुआ, जिसकी वैधता 14 अप्रैल 2035 तक है।
पासपोर्ट नंबर 102000 बताया
पासपोर्ट के दस्तावेजों में उसका नाम दिलीप नाथ, पिता का नाम नारायणाचल, मां का नाम गंगादेवी और पत्नी का नाम मीना कुमारी दर्ज है। पासपोर्ट नंबर 102000 बताया जा रहा है।
फर्जीवाड़े में मिले मददगार
जांच में सामने आया कि दिलीप को नारायण दास वैषार, देवेंद्र गायनरी उर्फ डेविड और मोनू उर्फ सुखा ने फर्जी दस्तावेज़ बनवाने में मदद की। उदयपुर पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर केस की रिपोर्ट पटना के कोतवाली थाना भेज दी, जहां अब एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
वेरिफिकेशन भी सवालों के घेरे में
सबसे हैरानी की बात यह है कि फर्जी पते के बावजूद कोठी थाना पुलिस ने पासपोर्ट के लिए वेरिफिकेशन कर दिया। यह सवाल उठता है कि क्या स्थानीय पुलिस की मिलीभगत के बिना यह संभव था? माना जा रहा है कि इसके पीछे भारी घूसखोरी की संभावना है।
पहले भी हो चुका है ऐसा मामला
यह कोई पहला मामला नहीं है। 2013 में कुख्यात हसन अली खान ने भी पटना के फर्जी पते से पासपोर्ट बनवाया था। तब भी कोतवाली थाना में केस दर्ज हुआ था। यह घटना एक बार फिर सवाल उठाती है कि पटना पासपोर्ट कार्यालय और स्थानीय पुलिस की लापरवाही या साठगांठ से अपराधी सिस्टम को कैसे बार-बार चकमा दे रहे हैं?
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