आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज बस्तर पर सबसे पहले माई दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन किया. इस दौरान उन्होंने मंदिर प्रांगण के किनारे खड़े लोगों को अपने करीब बुलाया और उनसे आत्मीय मुलाकात की. यह दृश्य बस्तर में पहली बार देखने को मिला, क्योंकि यहां नक्सलवाद के चलते हमेशा से सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रहती है.

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गृह मंत्री अमित शाह ने इस परंपरा को तोड़ते हुए जनता से सीधे संवाद कर एक बड़ा संदेश दिया कि अब बस्तर में भय नहीं, विश्वास है. उन्होंने यह संदेश 31 मार्च 2026 की उस डेडलाइन से जोड़ा, जो देश से नक्सलवाद खत्म करने की तय तिथि है.

मुलाकात के दौरान श्रद्धालुओं ने “मुंडा बजा”, जो माई दंतेश्वरी का पारंपरिक भजन है, गाकर गृह मंत्री का स्वागत किया. इसके बाद अमित शाह ने मंदिर में प्रवेश किया, विधिवत पूजा-अर्चना कर माई दंतेश्वरी का आशीर्वाद लिया और फिर मुरिया दरबार की परंपरा में शामिल हुए.

मुरिया दरबार की शुरुआत माता दंतेश्वरी की तस्वीर पर दीप प्रज्वलित कर की गई, जहां गृह मंत्री ने बस्तर की लोक परंपरा के प्रति सम्मान जताया.