नासिर बेलिम,उज्जैन। उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में रंग पंचमी का पर्व अनूठे अंदाज में मनाया गया. यहां सुबह भस्म आरती में 4 बजे बाबा महाकाल को टेसू के फूलों से बने रंग लगाए गए. इसके बाद भस्म आरती में शामिल श्रद्धालुओं पर रंगों की बौछार की गई.
धर्म नगरी उज्जैन सहित पूरे मालवा क्षेत्र में होली पर्व से ज्यादा रंग पंचमी पर्व मनाया जाता है. रंग पंचमी पर्व की शुरुआत महाकालेश्वर मंदिर से हुई. यहां सुबह 4 बजे बाबा महाकाल की विशेष भस्म आरती की गई. पंचामृत अभिषेक के बाद बाबा का भांग से श्रृंगार किया गया. फिर भस्म चढ़ाई गई और वस्त्र पहना कर भस्म आरती की गई. भस्म आरती के बाद बाबा के दरबार में रंग पंचमी का उत्सव मनाया गया.
सबसे पहले बाबा महाकाल को टेसू के रंग से रंगा गया. इसके बाद पंडे पुजारियों ने भक्तों पर रंगों की बौछार की. मंत्रोच्चारण के साथ होली खेली गई. मंदिर प्रांगण रंगों से सराबोर हो गया. यहां चारों और बोल बम और जय महाकाल के जयकारे गूंज रहे थे. जो भी भक्त बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुआ, वह अपने आप को धन्य मान रहा था. इस प्रकार का नजारा उसने जीवन में पहले कभी नहीं देखा.
खास बात यह है कि महाकालेश्वर मंदिर में रंग पंचमी पर्व मनाने के लिए पिछले एक माह से तैयारी की जा रही थी. ग्रामीण क्षेत्रों से टेसू के फूल लाए गए. 1 दिन पहले मंदिर प्रांगण में 5 क्विंटल टेसू के फूलों से रंग बनाया गया. करीब 20 घंटे तक टेसू के फूलों को उबाला गया और फिर हर्बल रंग तैयार हुआ.
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