आशुतोष तिवारी, रीवा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार  25 दिसंबर को एक दिवसीय प्रवास पर रीवा पहुंचे। दोपहर करीब 3 बजे अमित शाह बसामन मामा गौ-अभ्यारण्य पहुंचे, जहां उन्होंने 9 हजार से अधिक गायों के बीच विकसित प्राकृतिक खेती के अनूठे मॉडल का अवलोकन किया और किसान सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। अमित शाह ने यहां प्राकृतिक खेती प्रकल्प का विधिवत शुभारंभ किया।

जहर मुक्त खेती का लाइव मॉडल देखा 

अमित शाह ने बताया कि बसामन मामा गोधाम में रासायनिक खाद के बिना खेती की जा रही है। यहां गोबर, गोमूत्र, बेसन, गुड़ और स्थानीय औषधियों से जैविक खाद और कीटनाशक तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने गेहूं, कोदो, मक्का, दलहन, चावल, चना, सरसों और औषधीय पौधों की खेती के लाइव मॉडल देखे। साथ ही ‘अग्निहोत्र खेती’ के प्रयोग का भी अवलोकन किया।

52 एकड़ में 9 हजार गायें, गोबर से बन रहे उत्पाद

52 एकड़ में फैला बसामन मामा गौ-अभ्यारण्य अब केवल गौशाला नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का केंद्र बन चुका है। यहां 9 हजार से अधिक बेसहारा और बीमार गायों की सेवा 100 से ज्यादा कर्मचारी कर रहे हैं। गोबर और गोमूत्र से जैविक खाद, गो-काष्ठ और गोनाइल (फिनाइल) जैसे उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। यह प्रकल्प आर्ट ऑफ लिविंग और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से संचालित हो रहा है।

50 गांवों के 5 हजार किसान

इस मॉडल से प्रेरित होकर आसपास के 50 गांवों के करीब 5 हजार किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक एकड़, एक मौसम’ मंत्र को अपनाते हुए किसान अब केमिकल खाद से दूरी बना रहे हैं। इससे उपजाऊ मिट्टी, पौष्टिक अनाज और किसानों की आय में सुधार देखने को मिल रहा है। अटल जी को याद कर बोले शाह अमित शाह ने कहा कि आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। अटल जी को रीवा बेहद प्रिय था। वे बघेली बोली में संवाद करते थे और कथनी को करनी में बदलने वाले नेता थे। उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने उन्हें बसामन मामा गोधाम के बारे में बताया था और उन्होंने तय किया था कि रीवा आएंगे तो यहां जरूर आएंगे।

केमिकल खेती से बीपी-शुगर बढ़ी

शाह ने कहा कि एक देशी गाय से 21 एकड़ तक बिना रासायनिक खाद खेती की जा सकती है। आज केमिकल फर्टिलाइजर के कारण बीपी, शुगर और कई बीमारियां बढ़ रही हैं। इंसान खुद के हाथों बीमार हो रहा है। उन्होंने बताया कि देशभर में अब तक 40 लाख लोग प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं और उन्होंने खुद अपने खेत में इसका प्रयोग किया है, जिसमें उपज कम नहीं बल्कि बढ़ी है।

पीपल के संरक्षण का संदेश

अमित शाह ने कहा कि बसामन मामा ने पीपल के वृक्ष को बचाने के लिए अपने प्राण न्योछावर किए थे। पीपल की आयु सामान्य वृक्षों से चार गुना अधिक होती है और इसमें विष्णु का वास माना जाता है। उन्होंने सभी से कम से कम पांच पीपल के पेड़ लगाने और उन्हें संरक्षित करने का संकल्प लेने की अपील की।

विंध्य में किसानों की आय बढ़ाने की संभावना

अमित शाह ने कहा कि यदि इस मॉडल को प्रकल्प के रूप में आगे बढ़ाया जाए तो रीवा और पूरे विंध्य क्षेत्र में किसानों की आय कई गुना बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने प्राकृतिक खेती को धरती, समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए जरूरी बताया।

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