देहरादून. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सीमांत (प्रथम गांव) खाली हो गए तो सरहदों की रक्षा करना बहुत बड़ी चुनौती हो जाएगी. लिहाजा जरूरी है कि देश के इन प्रथम गांवों में विश्वस्तरीय सुविधाएं हों. इसके लिए उन्होंने वाइब्रेंट योजना में अवस्थापना विकास को आईटीबीपी को नोडल एजेंसी बनाने की बात कही. उन्होंने देश के जवानों से कहा कि आप देश की सीमाओं की चिंता करें उनके परिवार की चिंता करने के लिए सरकार है. शाह शुक्रवार को आईटीबीपी के स्थापना दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.

केंद्रीय गृहमंत्री ने सबसे पहले शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद परेड की सलामी ली. उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज योजना का उद्देश्य सीमा पर मौजूद गांवों का विकास करना है. ताकि, यहां से लोगों का पलायन न हो सके. प्रधानमंत्री मोदी सीमा पर बसे हर गांव को प्रथम गांव मानते हैं. इससे पहले इन गांवों को अंतिम गांव की संज्ञा देकर इनके विकास के बारे में नहीं सोचा जाता था. लेकिन, इन्हें देश का आरंभ माना जाता है. भारत चीन सीमा पर सुरक्षा के लिए सरकार बेहद संजीदा है. इसके लिए जवानों की रहने की सुविधाओं को लगातार बेहतर बनाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि आंतरिक सुरक्षा में देश की स्थिति पहले से बहुत मजबूत हुई है. देश के जो तीन हॉट स्पॉट थे, उनमें अब घटनाओं और मृत्यु में भी बहुत कमी आई है.

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इसके लिए उन्होंने कश्मीर से धारा 370 हटाने का जिक्र किया. कहा, इसके बाद से लगातार हालात सुधर रहे हैं. इसके साथ ही उत्तर पूर्व व नक्सल प्रभावित इलाकों में बेहद सुधार हुआ है. परेड की सलामी के बाद उन्होंने पदक विजेताओं को सम्मानित किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, आईटीबीपी के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह, कैबिनेट मंत्री डॉ. धनसिंह रावत, प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, सौरभ बहुगुणा, मेयर सुनील उनियाल गामा आदि उपस्थित रहे.