अमृतांशी जोशी,भोपाल। मप्र पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा और परिणाम में सवाल उठने के बाद पीईबी (Professional Examination Board) ने स्पष्टीकरण दिया था. अब गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के जांच के आदेश दिए हैं. इसकी जांच की जिम्मेदारी MAPIT (मध्यप्रदेश एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नॉलोजी) के जरिए कराई जाएगी. आरक्षक भर्ती में सामने आई गड़बड़ी को लेकर कैंडिडेट्स ने गृहमंत्री से मुलाकात की थी. कैंडिडेट्स ने भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे.

सवालों के घेरे में एमपी कांस्टेबल भर्ती! 80% नंबर वाले बाहर, 50% वाले हुए सिलेक्ट, अब विरोध प्रदर्शन पर उतरे अभ्यार्थी

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि रिजल्ट जो आया है स्पष्ट है. यदि किसी ने इस तरह का कूट रचित काम किया है, तो हमें आकर बताएं. कल कुछ अभ्यर्थियों ने मुलाकात की थी. वरिष्ठ अधिकारियों से मैंने की बातचीत की है. मैप आईटी के माध्यम से जांच के भी निर्देश दिए हैं.

कांस्टेबल भर्ती 2020ः परिणाम को लेकर उठे सवालों पर PEB ने दिया स्पष्टीकरण, कहा- नियमों के तहत अपनाई गई प्रक्रिया

PEB ने आरक्षण परीक्षा परिणामों को लेकर अभ्यर्थियों की चिंता को दूर करते हुए कहा कि हर स्तर पर निर्धारित प्रक्रिया अपनाई गई. PEB ने ट्वीट कर जवाब दिया है कि पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2020 जनवरी-फरवरी 2022 में आयोजित की गई और उसका प्रथम चरण का परिणाम भी पुलिस मुख्यालय मध्यप्रदेश द्वारा हस्ताक्षरित नियम पुस्तिका के आधार पर ही 24 मार्च 2022 को घोषित किया गया है. 6000 पदों के लिए प्रथम चरण में 05 गुना (लगभग 30000) अभ्यर्थियों की लिस्ट पुलिस विभाग को उपलब्ध कराई गई है.

पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा देने वाले छात्रों का आरोप था कि उन्हें सुबह क्वालिफाइड दिखाया गया औऱ शाम को नॉट क्वालिफाइड दिखा दिया गया. 80% नंबर वाले बाहर हो गए और 50% वाले सिलेक्ट हो गए. सामान्य वर्ग की अभ्यार्थियों के अच्छे नंबर होने पर भी बाहर किया गया है. अभ्यार्थियों का ये भी कहना है कि दूसरे राज्यों में ब्लैक लिस्टेड कंपनियां को परीक्षा का जिम्मा दिया गया था.

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