महाराष्ट्र में गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद मचे सियासी बवाल के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि दोस्त बैसाखी नहीं होते. दरअसल, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने एक बयान में कहा था कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी बैसाखियों पर नहीं बल्कि अपने बल पर चलती है. एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ तीन दलों की गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे फडणवीस ने कहा, ‘जो लोग इस टिप्पणी पर सवाल उठा रहे हैं, वे ‘बैसाखी’ का मतलब नहीं समझते. दोस्त बैसाखी नहीं होते.’

सीएम ने विपक्ष की भी आलोचना की

इस बीच, मुख्यमंत्री ने सतारा जिले के फलटण में एक महिला चिकित्सक की आत्महत्या के मामले का ‘राजनीतिकरण’ करने के लिए विपक्ष की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘किसी संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण करने वाले लोग बदकिस्मत होते हैं. वे सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं. मैं पहले ही कह चुका हूं कि इस मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.’ मुख्यमंत्री ने मतदाता सूची पर संदेह जताने के लिए भी विपक्ष की आलोचना की.

फडणवीस ने कहा, ‘मैं पहले ही कह चुका हूं कि यह (आगामी चुनावों में) होने वाली हार से मुंह छिपने की कोशिश है. हमने भी मतदाता सूची में दोहराए गए नामों के खिलाफ आवाज उठाई है. विपक्ष दोहरे मतदान का सबूत देने में विफल रहा.’ उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने पहले कभी मतदाता सूची पर आपत्ति नहीं जताई.

क्या था शाह का बयान

बता दें गृह मंत्री ने कहा था कि अब महाराष्ट्र में भाजपा किसी बैसाखी के आधार पर नहीं चलती, बल्कि अपने बूते पर खड़ी है. भारत की राजनीति में जिस तरह से भाजपा का अस्तित्व और सिद्धांत एक अमिट स्थान रखते हैं. उसी तरह से अब भाजपा महाराष्ट्र के राजनीतिक क्षेत्र की एक मजबूत हस्ताक्षर है.

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