रायपुर। भाजपा के आरोपों पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बिल्कुल दुरुस्त है और पुलिस बहुत बढ़िया कार्य कर रही है. कोंडागांव प्रकरण के विषय में उन्होंने कहा कि प्रकरण में 7 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है. प्रकरण में तत्काल विधि सम्मत् कार्यवाही नहीं करने पर तत्कालीक थाना प्रभारी को निलंबित कर जांच के आदेश दिये गये है. साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा समय-समय पर विभाग ली गई बैठक एवं मेरे द्वारा हाल में लिये गये समीक्षा बैठक 23 सितंबर को महिला विरूद्व अपराधों में तत्काल कड़ी कार्यवाही करने के लिए सभी रेंज, महानिरीक्षक, एवं पुलिस अधीक्षकों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है.

नशे के कारोबार में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाही के विषय में उन्होंने कहा कि नशे के सेवन से युवा पीढ़ी बरबाद होती है, इसकों दृष्टिगत रखते हुए समय-समय पर इस विषय की समीक्षा करते हुए सख्त कार्यवाही के सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है. विगत डेढ़ वर्षो में पूरे प्रदेश में गांजा, एवं अन्य नशीले पदार्थो के सामग्री व्यापक पैमाने पर जप्त करते हुए आरोपियों की धर-पकड़ की कार्यवाही की जा रही है. भाजपा शासन में नशे का कारोबार खूब फला फुला, कांग्रेस की सरकार आने से जो कड़ाई अभी बरती जा रही है वो 15 वर्षो के लंबे कार्यकाल में यदि कार्यवाही की जाती है, तो आज छ.ग.नशे के कारोबार पनप ही नहीं पाता.

प्रदेश में नक्सल समस्या पर उन्होंने कहा कि नक्सली इलाकों के लिए ’’विश्वास विकास सुरक्षा’’ को माननीय मुख्यमंत्री ने सूत्र वाक्य के रूप में अपनाया है..इसी अनुरूप शासन के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नक्सली लगातार समर्मण कर रहे है, दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा माओवादियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए विषेष योजना ’’लोन वरार्टू’’ चालाया जा रहा है, जिसका बहुत अच्छा परिणाम आ रहा है..प्रदेश सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर माओवादी समाज मुख्यधारा में शामिल हो रहे है..दशकों बाद शहरी नक्सल नेटवर्क को तोड़ने में महत्वपूर्ण बड़ी सफलता मिली है. नक्सल प्रभावित जिलों में विकास के लिए स्कूल, सड़क,बिजली, आदि मूलतभूत कार्य कराया जा रहा है. नक्सल घटनाओं में 47 प्रतिशत की कमी आई है.

साथ ही पूर्व की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा 15 साल वो सरकार में रहे पर उन्होंने नक्सल उन्मूलन के लिए कुछ विशेष नहीं किया. इसलिए उन्हें इस विषय में बोलने का कोई अधिकार नहीं है..अगर वो चाहते तो पूरे सूबे में आज शांति होती.