सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। बिलासपुर जिले के अमेरी स्थित संस्था में रखी गईं एचआईवी पीड़ित नाबालिग बच्चियों छुड़ाए जाने के मामले में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने स्पष्ट किया कि एनजीओ के साथ अनुबंध खत्म होने के बाद वहां रह रही बालिकाओं को सरकारी बालिका गृह में शिफ्ट किया गया है. जब सरकारी बालिका गृह है तो बच्चियां एनजीओ के पास क्यों रहे. इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप बेबुनियाद हैं.

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि इस संबंध में उनकी अधिकारियों से बातचीत हुई है. आदेशानुसार बच्चों को शिफ्ट करने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी वहां गए थे. पुलिस प्रोटेक्शन मांगे जाने की वजह से पुलिस कर्मी भी गए थे. जब बच्चों को वहां से शिफ्ट किया जाने लगा तो एनजीओ के लोगों ने विरोध का स्वांग रचा, क्योंकि एनजीओ के संचालन के लिए फंड जाता था. सवाल यह है कि जब सरकारी बालिका गृह है तो बच्चियों का दायित्व एनजीओ को क्यों दिया जाए.

जानकारी के मुताबिक, मामले को लेकर एनजीओ संचालक हाईकोर्ट की शरण में गए थे, हाईकोर्ट ने कहा कि इस प्रकरण में कुछ नहीं है, कलेक्टर के पास अपनी बात रखो. इस पर कलेक्टर के पास उन्होंने अपनी बात रखी होगी. कलेक्टर ने आदेश दिया है कि जब हमारे पास बालिकागृह है, तो फिर हम प्राइवेट को क्यों दें, इसलिए बच्चों को सरकारी बालिका गृह में शिफ्ट किया गया है.

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