रायपुर- हाल ही में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की तबियत खराब होने पर सरकारी डाॅक्टरों की घर पर की गई तैनाती ने देशभर में सुर्खियां बटोरी थी. खुद बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने इस पर सवाल उठाया था. अब ताजा मामला छत्तीसगढ़ से सामने आया है, जहां सूबे के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा के बेटे की शादी समारोह के लिए डाॅक्टरों की टीम तैनाती की गई है. बकायदा सरकारी आदेश निकालकर.
लल्लूराम डाॅट काॅम को उस आदेश की काॅपी मिली है, जिसमें डाॅक्टरों की तैनाती का जिक्र किया गया है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से जारी हुए आदेश में उस पत्र क्रमांक / 993/ वीआईपी/ रायपुर, का हवाला दिया गया है, जिसे गृहमंत्री रामसेवक पैकरा के विशेष सचिव ने सीएमओ रायपुर को भेजकर डाॅक्टरों की ड्यूटी लगाए जाने की बात कही है। विशेष सचिव की ओर से 14.06.2017 को पत्र भेजा गया था, जिसके आधार पर सीएमओ ने डाॅक्टरों की तैनाती का आदेश निकाला.
सीएमओ ने जो आदेश जारी किया है, उसमें साफ-साफ इस बात का उल्लेख किया गया है कि गृहमंत्री रामसेवक पैकरा के ज्येष्ठ पुत्र लवकेश पैकरा का वैवाहिक कार्यक्रम वीआईपी रोड स्थित सिल्वर स्प्रिंग रिसाॅर्ट में होना है, लिहाजा कार्यक्रम में आवश्यक व्यवस्था के तहत चिकित्सा दल की ड्यूटी रात्रि 8 बजे से कार्यक्रम समाप्त होने तक लगाई जाएगी.
वैवाहिक समारोह के लिए जिन लोगों की ड्यूटी लगाई गई है, उनमें गोगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के इकलौते चिकित्सा अधिकारी डाॅ.पंकज किशोर मिश्रा, भांठागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की फार्मासिस्ट मालती मुदलकर, भांटागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की नर्स तारा साहू, वाहन चालक केशव राव और चतुर्थ वर्ग कर्मचारी अशोक नेताम शामिल हैं.
इधर गृहमंत्री रामसवेक पैकरा ने लल्लूराम डाॅट काॅम से हुई बातचीत में कहा कि जिन लोगों की ड्यूटी लगाई गई है, वो आधिकारिक ड्यूटी नहीं है. वैवाहिक समारोह में भीड़भाड़ रहेगी, लिहाजा कहा गया है कि ऐसी स्थिति में आपात हालात के लिए तैयार रहे. रामसेवक पैकरा ने यह भी कहा कि जिन डाॅक्टरों की तैनाती के लिए कहा गया है, उन्हें भी बकायदा आमंत्रण पत्र दिया गया है.
20 हजार से ज्यादा आबादी और डाॅक्टर एक
बताया जा रहा है कि शहर से लगे औद्योगिक इलाके गोगांव की आबादी 20 हजार से ज्यादा है और इस आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ इकलौते चिकित्सा अधिकारी डाॅ.पंकज किशोर मिश्रा की है. स्वास्थ्य विभाग से जुड़े आला अधिकारी ऐसी ड्यूटी लगाए जाने के पक्ष में नजर नहीं आ रहे. नाम ना छापने की शर्त पर सरकार के एक आला अधिकारी ने कहा कि गोगांव जैसे इलाके की ही बात की जाए, तो आपात स्थिति में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की भूमिका अहम हो जाती है. छोटी-मोटी बीमारी से लेकर गर्भवती महिला की डिलीवरी तक इन केंद्रों में डाॅक्टरों के जिम्मे होती है, लिहाजा ऐसी वीवीआईपी ड्यूटी के दौरान यदि कोई बड़ी घटना घट जाए, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?