नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया (OXFAM India) के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं. एफसीआरए कानून के लागू होने के बाद भी विदेशी अंशदान को विभिन्न संस्थाओं को हस्तांतरित करने पर गृह मंत्रालय ने यह कदम उठाया है. यह कानून इस तरह रकम के हस्तांतरण को प्रतिबंधित करता है.

सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग के किए गए एक ‘सर्वेक्षण’ के दौरान कई ई-मेल पाए गए, जिनसे पता चला कि ऑक्सफैम इंडिया अन्य एफसीआरए-पंजीकृत संगठनों को धन भेजकर या लाभकारी परामर्श मार्ग के जरिए से एफसीआरए के प्रावधानों को दरकिनार करने की कथित तौर पर योजना बना रहा था. सर्वेक्षण ने ऑक्सफैम इंडिया को विदेशी संगठनों या इकाइयों की विदेश नीति के एक संभावित साधन के रूप में ‘उजागर’ किया, जिन्होंने वर्षों से संगठन को उदारतापूर्वक वित्त पोषित किया है.

सूत्रों के अनुसार, सामाजिक गतिविधियों के लिए पंजीकृत ऑक्सफैम इंडिया ने कथित तौर पर कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों और कर्मचारियों के माध्यम से सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) को धन भेजा. इन निष्कर्षों के बाद गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया के कामकाज की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की.

सीपीआर को 12 लाख का भुगतान

बता दें कि ऑक्सफैम इंडिया सामाजिक गतिविधियों को चलाने के लिए पंजीकृत है. ऑक्सफैम अपने सहयोगियों/कर्मचारियों के जरिए सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) को कमीशन के रूप में फंड भेजती है. यह ऑक्सफैम इंडिया के टीडीएस डेटा से भी परिलक्षित होता है, जो वित्तीय वर्ष 2019-20 में धारा 194जे के तहत सीपीआर को 12,71,188/- रुपए का भुगतान हुआ था.

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