Honeypreet is Now Ruhani didi: दुष्कर्म का दोषी गुरमीत की सबसे करीबी मानी जाने वाली हनीप्रीत (Honeypreet) का पैरोल पर बाहर आते ही नाम बदल कर रूहानी दीदी (Ruhani didi) कर दिया. रेपिस्ट बाबा को पैरोल पर मिली 40 दिन की आजादी कई मायनों में अलग है. दरअसल, गुरमीतराम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) आजकल भक्तों को ऑनलाइन दर्शन दे रहा है. पैरोल पर जेल से छूटा राम रहीम यूपी के बागपत में अपने डेरे में है और दर्शन चाहने वाले भक्तों को किसी रिसॉर्ट में, किसी बैंक्वैट हॉल में या फिर किसी अच्छी जगह इकक्ठा किया जाता है. इसके बाद बाबा स्क्रीन पर प्रकट हो जाता है, बाबा को ऑनलाइन देखकर भक्त ख़ुशी से झूम उठते हैं. ऑनलाइन सत्संग के दौरान गुरमीत राम रहीम सिंह इंसान ने अपनी ख़ास और मुंह बोली बेटी हनीप्रीत को नई पहचान दे दी है. हनीप्रीत अब से डेरे में रुहदी यानी रूहानी दीदी के नाम से पुकारी जाएगी. बाबा ने अपने हर भक्त को आदेश दे दिया है कि हनीप्रीत का नाम अब से रूहानी दीदी (Ruhani didi) है.
आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्या है ये पूरी कहानी? क्यों विवादों में आ गया है ये पूरा मामला?
विवादों में राम रहीम की पैरोल
डेरा सच्चा सौदा का चीफ गुरमीतराम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) 40 दिन की पैरोल पर बाहर आया है. हत्या और रेप जैसे संगीन मामलों का सजायाफ्ता गुरमीत राम रहीम इस वक्त बरनावा के आश्रम में मौजूद है, जहां उसके साथ उसकी मुंह बोली बेटी हनीप्रीत और परिवार के अन्य सदस्य भी हैं. उसके भक्त भारी संख्या में आश्रम पहुंच रहे हैं. जहां उनकी सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं. आश्रम में अनजान लोगों के प्रवेश पर रोक है. केवल डेरा के सदस्य और अनुयायी ही अंदर जा सकते हैं. ऐसे में रेपिस्ट बाबा (rapist Baba) की पैरोल पर सवाल उठ रहे हैं. हरियाणा की खट्टर सरकार भी सवालों के घेरे में आ गई है. आरोप लग रहा है कि हरियाणा सरकार राम रहीम को अपने चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है. बार-बार उसे पैरोल दिया जा रहा है.
नेता भी ले रहे हैं आशीर्वाद
आपको बता दें कि हाल ही में हरियाणा(Haryana) की आदमपुर सीट पर उपचुनाव और पंचायती चुनाव होने जा रहा है. यही वजह है कि विपक्षी पार्टियों ने सत्ता में काबिज भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उसकी पैरोल भी विपक्ष के निशाने पर है. हालांकि कई राजनेता गुरमीतराम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) का आशीर्वाद लेने के लिए उसके सत्संग में जा रहे हैं. पंचायत चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार भी दोषी बाबा का आशीर्वाद लेने जा रहे हैं. भाजपा नेताओं का राम रहीम के सामने नतमस्तक होना भी चर्चा का विषय बना हुआ है.
दो बार किया ऑनलाइन सत्संग (Online Satsang)
जेल से पैरोल पर निकलने के बाद राम रहीम यूपी के आश्रम में मौजूद है. जहां से वो दो बार सोशल मीडिया के जरिए सत्संग कर चुका है. उसके सत्संग को यूपी, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों और विदेशों में भी यू-ट्यूब पर देखा गया गया.
राम रहीम की पैरोल पर घिरे सीएम खट्टर
मर्डर और रेप के दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह को दी गई पैरोल पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी घिर गए. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री खट्टर ने बुधवार को कहा कि राम रहीम सिंह को दी गई परोल में उनकी कोई भूमिका नहीं है क्योंकि जेल के अपने नियम होते हैं. अपनी सरकार के आठ साल पूरे होने पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सीएम खट्टर ने कहा कि अदालतें कारावास की घोषणा करती हैं और एक दोषी जेल जाता है. उसके बाद जेल के नियम सभी कैदियों पर लागू होते हैं.
दूसरी बार बदला हनीप्रीत (HoneyPreet) का नाम (Honeypreet is Now Ruhani didi)
राम रहीम ने अपनी चहेती शिष्या और मुंह बोली बेटी का नाम फिर से बदल दिया है. उसने बागपत आश्रम में हनीप्रीत के नए नाम का ऐलान किया. उसने कहा कि अब हनीप्रीत का नाम रूहानी दीदी होगा. हनीप्रीत नाम भी उसे राम रहीम ने ही दिया था. लेकिन अब हनीप्रीत को रूहानी दीदी के नाम से जाना जाएगा. आखिर हनीप्रीत है कौन? उसका परिवार कहां है? उसके घर में कौन-कौन हैं? ऐसे तमाम सवालों के जवाब हम आपको बताने जा रहे हैं.
नया नाम- रूहानी दीदी
नाम- हनीप्रीत इंसा
असली नाम- प्रियंका तनेजा
पिता- रामननंद तनेजा
मां- आशा तनेजा
भाई- साहिल तनेजा
बहन- नीशु तनेजा
मूल निवास- फतेहाबाद, हरियाणा
दसवीं पास करने के बाद डेरे में आई थी हनीप्रीत (Honeypreet)
मूल रूप से हरियाणा के फतेहाबाद जिले की रहने वाली प्रियंका तनेजा 1996 में पहली बार डेरे के कॉलेज में 11वीं क्लास में पढ़ने के लिए आई थी. पहले डीएवी स्कूल फतेहाबाद से उसने दसवीं की परीक्षा पास की थी. डीएवी स्कूल में प्रियंका की तत्कालीन क्लास टीचर सुनीता मदान के मुताबिक वो पढ़ने में तेज नहीं थी. मगर उसे नाचने, गाने और अभिनय का बहुत शौक था. जब वह डेरे में आई तो उसी साल राम रहीम लड़कियों को आर्शीवाद देने के बहाने उनके स्कूल में आया. तभी उसकी नजर प्रियंका तनेजा पर पड़ी.
प्रियंका (Priyanka) ऐसे बनी थी राम रहीम (Ramrahim) की हनीप्रीत
कुछ समय बाद ही राम रहीम ने प्रियंका तनेजा को अपने वश में कर लिया. और फिर उसका नया नाम करण किया गया. अब प्रियंका राम रहीम की हनीप्रीत बन चुकी थी. धीरे-धीरे हनीप्रीत और राम रहीम की नजदीकियां बढ़ने लगी. ऐसे में बाबा के राज भी हनीप्रीत के सामने आने लगे. हनीप्रीत अब गुरमीत की सबसे करीबी बन गई थी. गुरमीत उस पर इतना मेहरबान था कि उसे कभी डेरे से बाहर नहीं जाने दिया. उसकी पढ़ाई लिखाई सब डेरे में ही करवाई गई. वहीं पर उसके नाम पर कई बड़े कारोबार शुरू किए गए.
डेरे से जुड़ा था हनीप्रीत का परिवार
दरअसल, प्रियंका तनेजा का पूरा परिवार पिछले कई सालों से डेरे का अनुयायी है. आज भी डेरे में कई बड़े प्रोजेक्ट हनीप्रीत के नाम से चल रहे हैं. यही नहीं उसके भाई साहिल तनेजा को भी गुरमीत का आर्शीवाद मिला. वह डेरे में बड़े स्तर पर कारोबार करता है. हनीप्रीत के पिता रामानंद तनेजा पहले पुरानी दिल्ली के सामने एमआरएफ टायर्स का शोरूम चलाते थे. जिसका नाम सच टायर्स था. लेकिन बाद में उन्होंने डेरे में ही एक बड़ा सीड प्लांट डाल लिया. हनीप्रीत की एक छोटी बहन है नीशु तनेजा, जिसकी शादी गुड़गांव में हुई है. बताय़ा जाता है कि उसकी शादी में भी बाबा का खास योगदान था.
केवल नाम की शादी
प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत उर्फ रूहानी दीदी और विश्वास गुप्ता की शादी 14 फरवरी, 1999 को डेरा प्रमुख राम रहीम ने ही कराई थी. हालांकि दोनों की शादी ज्यादा दिन नहीं चल सकी. कुछ समय बाद हनीप्रीत ने राम रहीम से शिकायत की कि उसके ससुराल वाले उसे दहेज के लिए परेशान कर रहे हैं. बताया जाता है कि राम रहीम ने हनीप्रीत की शादी तो गुप्ता से कराई थी, लेकिन उसे कभी भी हनीप्रीत के साथ संबंध बनाने नहीं दिए.
2009 में राम रहीम ने गोद लिया
राम रहीम ने प्रियंका को साल 2009 में गोद ले लिया था. राम रहीम की खुद की दो बेटियां और एक बेटा है. उनके नाम अमनप्रीत, चमनप्रीत और जसमीत इंसा हैं. इसके बाद साल 2011 में विश्वास गुप्ता ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मुकदमा दायर कर राम रहीम के कब्जे से उसकी पत्नी यानी हनीप्रीत को मुक्त कराने की मांग की थी. गुप्ता ने राम रहीम पर हनीप्रीत के साथ अवैध संबंध होने का भी आरोप लगाया था.
हर पल राम रहीम के साथ रहती थी हनीप्रीत
हनीप्रीत ही राम रहीम की सबसे करीबी मानी जाती है. डेरे के कई महत्वपूर्ण फैसलों में वो शामिल थी. राम रहीम की फिल्मों को भी उसी ने डायरेक्ट किया था. उसने ‘MSG: द वॉरियर लॉयन हार्ट’ का डायरेक्शन भी किया था. राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के दौरान वह कोर्ट रूम से लेकर जेल भेजे जाने तक भी उसके साथ नजर आई थी.
हनीप्रीत से सलाह लेता था रेपिस्ट बाबा
राम रहीम कोई भी फैसला लेने से पहले सिर्फ हनीप्रीत से ही सलाह लेता था. बाबा की इस बेबी के हाथ में डेरे की सभी चाबियां रहती थीं. पैसे से लेकर हर वो फैसला जो डेरे से संबंधित होता था, वो हनीप्रीत की करती थी. हनीप्रीत ही राम रहीम के फिल्म प्रोडक्शन का काम संभालती थी. बाबा की सारी फिल्में हनीप्रीत ने ही डायरेक्ट की थीं.
इस मामले में दोषी है राम रहीम
राम रहीम को चार अन्य लोगों के साथ, पिछले साल 2002 में डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के लिए भी दोषी ठहराया गया था. इसके अलावा डेरा प्रमुख और तीन अन्य को 2019 में 16 साल से अधिक समय पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था. साथ ही आश्रम की दो साध्वियों के साथ उसे रेप का दोषी पाया गया था. दोनों ही मामलों में उसे 20-20 साल की सजा मिली है.