हांगकांग में बुधवार दोपहर को उस वक्त बड़ा हादसा हो गया, जब एक आवासीय इलाके में आठ ऊंची इमारतें आग की लपटों में घिर गईं. इन इमारतों के दो हजार फ्लैटों में हजारों लोग फंसे थे और चीख पुकार के बीच उन्हें निकालने की जद्दोजहद की गई, लेकिन इसमें बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई है. तजा जानकारी के अनुसार मौतों का आंकड़ा 128 लोगों तक पहुंच चुका है, जबकि 200 से ज्यादा लापता है. इस हादसे में 76 लोग घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है. अधिकारियों का कहना है कि हताहतों की संख्या और बढ़ सकती है. सरकार ने अब इस हादसे की क्रिमिनल एंगल से जांच शुरू कर दी है.

मामले में पुलिस ने ठेकेदार के अलावा 2 अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया है. आरोप है कि उन्होंने नियमों के मुताबिक सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया, जिससे यह हादसा हुआ. कॉम्प्लेक्स में जुलाई 2024 से कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था. अधिकारियों का कहना है कि स्टायरोफोम जैसी ज्वलनशील सामग्री और बाहर लगी जाली के कारण आग तेजी से फैली. इसी वजह से फ्लैट्स और गलियारों में आग फैल गई. बता दें कि, इस हाउसिंग सोसायटी में कुल 8 इमारतें और 2,000 फ्लैट्स वाला बड़ा हाउसिंग एस्टेट है, जिसमें 4600 से ज्यादा लोग रहते हैं. इनमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग भी शामिल हैं. आग के कारणों की फिलहाल जांच की जा रही है.

सभी पब्लिक हाउसिंग प्रोजेक्ट की जांच होगी

इस दर्दनाक हादसे से सबक लेते हुए हॉन्गकॉन्ग के चीफ एग्जीक्यूटिव अधिकारी जॉन ली का-चिउ ने कहा है कि सभी पब्लिक हाउसिंग प्रोजेक्ट की पूरी जांच की जाएगी और वांग फुक कोर्ट में लगी आग के कारणों का पता लगाया जाएगा. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी इस हादसे पर शोक जाहिर किया और कहा कि सभी लोगों की मदद की सभी कोशिश की जाएं ताकि नुकसान कम से कम हो.

एक्सपर्ट्स बोले- आग के पीछे बांस के अलावा कई वजहें

हॉन्गकॉन्ग के ताइपो इलाके में वांग फुक कोर्ट नाम की 40 साल पुरानी इमारत में लगी आग के पीछे मरम्मत के लिए लगी बांस को वजह बताया जा रहा है.हालांकि, एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बांस की स्कैफोल्डिंग आग की इकलौती वजह नहीं थी. असल में प्लास्टिक की जाली (नेट), फायर-रिटार्डेंट न होने वाली शीट और खिड़कियों में इस्तेमाल होने वाला स्टायरोफॉम के कारण आग तेजी से फैली.

चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हॉकिंग की आर्किटेक्ट रफाएला एंड्रिजी ने कहा,“बांस में प्राकृतिक नमी होती है, इसलिए वह आसानी से नहीं जलता. अगर बांस सूखा भी हो तो भी प्लास्टिक की जाली और दूसरे सिंथेटिक चीजों की तुलना में बहुत धीरे जलता है. ताइपो की आग में ज्यादातर नेट और इंजीनियरिंग सामग्री ही जिम्मेदार लग रही है.”

एक इमारत से दूसरी इमारत तक फैली आग

तेज हवा और जलते हुए मलबे की वजह से लपटें एक इमारत से दूसरी इमारत तक फैलती चली गईं. जब आग भड़की, तो कई लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी क्योंकि मरम्मत की वजह से खिड़कियां बंद थीं. आग बुझाने पहुंची टीम को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. कई मंजिलों पर तापमान इतना ज्यादा था कि फायर फाइटर्स उन जगहों तक पहुंच भी नहीं पा रहे थे. इसी दौरान एक फायर फाइटर की मौत भी हो गई.

हादसे में एक फायर फाइटर की भी मौत

हॉन्गकॉन्ग में लगी भीषण आग में एक फायर फाइटर हो वाई-हो की मौत हो गई. हो पिछले 9 साल से फायर सर्विसेज डिपार्टमेंट में थे और शा टिन फायर स्टेशन में तैनात थे. आग लगने पर वह दोपहर 3:01 बजे मौके पर पहुंचे थे और ग्राउंड फ्लोर पर आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे. 3:30 बजे के बाद उनका संपर्क टीम से टूट गया. आधे घंटे बाद शाम 4 बजे हो ग्राउंड फ्लोर पर मिले. उनका चेहरा जला हुआ था. उन्हें तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m