रायपुर. राज्यपाल अनुसुईया उइके के राज्यपाल के पद पर तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर राजभवन सचिवालय और छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग समेत सभी विश्वविद्यालयों की ओर से सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में से दो वर्षों में कोविड की चुनौती का हम सबने डटकर सामना किया और लोगों की सहायता के लिए भी हाथ बढ़ाया. आज राजभवन छत्तीसगढ़ का नाम पूरे देश में विख्यात है. यह राजभवन के सभी अधिकारी-कर्मचारियों के सहयोग से ही संभव हो पाया है. परिवार के लोग जब अपनेपन की भावना के साथ मिलकर काम करते हैं तभी सकारात्मक परिणाम मिलते हैं. अकेला व्यक्ति आगे नहीं बढ़ सकता. राज्यपाल ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि मुझे पद का लोभ नहीं है, पद में रहूं या न रहूं, इसी जुनून से मानवता की सेवा करती रहूंगी.

राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो ने भी राज्यपाल के तीन वर्ष पूर्ण होने पर बधाई देते हुए उनके कार्यकाल की महत्वपूर्ण उपलब्धियों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का व्यक्तित्व जितना सरल-सहज है, अपने कार्य में वे उतनी ही दक्ष और गंभीर है. पूरे प्रदेशवासियों को राज्यपाल का स्नेह मिला है और राज्यपाल स्वयं भी प्रदेशवासियों से उतना ही स्नेह करती हैं. प्रदेश के विकास से जुड़े विषयों और सुदूर अंचलों के लोगों की आवश्यकताओं और अधिकारों की भी बातें मुखर होकर रखती हैं.

राजभवन की त्रैमासिक पत्रिका ‘एक आशा’ के प्रथम अंक का विमोचन

राजभवन सचिवालय द्वारा राज्यपाल की गतिविधियों से आमजनों को अवगत कराने के उद्देश्य से त्रैमासिक पत्रिका का प्रारंभ किया गया है. राज्यपाल के प्रदेश के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल के तीन वर्ष पूर्ण होने पर पत्रिका के प्रथम अंक का विमोचन किया गया. उल्लेखनीय है कि पत्रिका में राज्यपाल और राजभवन सचिवालय की गतिविधियों और राजभवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई है.

शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने किया सम्मान

समारोह में प्रदेश के सभी शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह, उनकी स्केच, शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित किया. राज्यपाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सम्मान समारोह के आयोजन के लिए निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग सह विश्वविद्यालयों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों का स्नेह और सम्मान ही मेरी ऊर्जा है. छत्तीसगढ़ राजभवन को राष्ट्रीय स्तर पर जो ख्याति मिली है, वह यहां की जनता के स्नेह का परिणाम है. कोविड महामारी की विपरीत परिस्थितियों में विश्वविद्यालयों ने भी शिक्षा के साथ कोरोना संबंधी जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन किया. चुनौतीपूर्ण समय में विद्यार्थियों के साथ खड़े रहकर उनका सहयोग और मार्गदर्शन किया. राज्यपाल ने कहा कि सदन में उपस्थित आप सभी महत्वपूर्ण पदों पर हैं, जब आपके विद्यार्थी अच्छा काम करते हैं या उपलब्धि हासिल करते हैं तो आप सबको खुशी होती है. वैसे ही जब प्रदेश का यश बढ़ता है तो प्रदेशवासियों की तरह मैं भी गौरवान्वित महसूस करती हूं. राज्यपाल ने अपने संबोधन में राजभवन सचिवालय द्वारा किए जा रहे नवाचारों की भी जानकारी दी. साथ ही राजभवन सचिवालय द्वारा प्रारंभ की गई त्रैमासिक पत्रिका ‘एक आशा’ के बारे में बताया.

छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. उमेश मिश्रा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए राज्यपाल का सतत् मार्गदर्शन मिल रहा है. उनके नेतृत्व में उच्च शिक्षा के माध्यम से कौशल सृजन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. राज्यपाल की सहजता और कार्य के प्रति निष्ठा से विद्यार्थियों के साथ-साथ हम सभी सदैव प्रोत्साहित होते हैं. इस मौके पर छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के सदस्य बृजेश चंद्र मिश्रा ने आयोग की गतिविधियों की जानकारी दी और राज्यपाल के तीन वर्ष पूर्ण करने पर अभिनंदन पत्र का वाचन किया. विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भी कार्यक्रम को संबोधित कर अपने विचार साझा किए.

कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो, राज्यपाल के विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव, उपसचिव दीपक कुमार अग्रवाल, सभी राजकीय और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, कुल सचिव सहित राजभवन सचिवालय के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे.

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