मरवाही. वनरक्षक को डरा-धमकाकर वसूली करने वाले तथाकथित पत्रकार पर मरवाही पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है. वहीं मामला दर्ज होने के बाद से तथाकथित पत्रकार फरार हो गया है, पुलिस उनकी तलाश कर रही. वनरक्षक को पत्रकार होने का धौंस दिखाकर भ्रष्टाचार के मामले में फंसा देने की धमकी देकर भयादोहन करते हुए गाली गलौज एवं जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर अपमानित करने के मामले में मरवाही पुलिस ने वनरक्षक सुनील चौधरी की रिपोर्ट पर FIR दर्ज किया है.

मरवाही पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित वन कर्मचारी वर्तमान में वनरक्षक के पद पर पेंड्रा वन परिक्षेत्र में पदस्थ है. 31 दिसंबर की सुबह करीब 11.00 बजे मरवाही वन परिक्षेत्र में पदस्थ वनरक्षक सुनील चौधरी अपने पूर्व निवास वन परिसर कलोनी मरवाही में था. उसी समय तथाकथित पत्रकार सुशांत गौतम अपने लाल रंग की कार से आया और पैसे की मांग करता हुआ जातिगत गाली गलौज कर झूठे मामले में फसा देने की धमकी दिया था, जिस पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया.

पीड़ित सुनील चौधरी के अनुसार 31 दिसंबर 2022 को वह अपने पूर्व शासकीय आवास वन परिसर कलोनी मरवाही के सामने गौरेला से आये महेन्द्र सिंह चौधरी एवं शुभाशु चौधरी के साथ परिसर में ही आवास निर्माण के संबंध में काम के बारे में बात कर रहे थे. उसी समय पत्रकार सुशांत गौतम अपने लाल कार से मेरे घर के पास जह पर हमलोग खड़े थे आया और आवाज देकर बुलाया और खुद भी गाडी से उतर गया. मुझसे कहने लगा कि तुम लोगों ने भष्टाचार करके बहुत पैसा कमाया है. हमारी ओर भी ध्यान दिया करों नही तो जानते हो ना मुझे जिसको चाहू ठीक कर सकता हूं.

पीड़ित सुनील चौधरी के अनुसार मैंने कहा भईया मै तो छोटा कर्मचारी हू क्या भष्टाचार करूंगा. आप सब जानते हो फिर भी ऐसा कह रहे हो. इतने में सुशांत गौतम गुस्से में आकर कहने लगा ज्यादा होशयारी मत कर, न्यू ईयर है, इतना दूर आया हू डीजल पेट्रोल भी लगता है. दारू सिगरेट का भी पैसा लगेगा. मैने कहा कि नेचर कैंप बिना डीएफओ साहब के परमिशन नहीं हो सकता. जिस पर उसने कहा ठीक है तो 20 हजार रुपए दो. मैने कहा भईया मेरे पास नहीं है. इसके बाद सुशांत गौतम उत्तेजित होकर मुझे जाति सूचक गाली देते हुए नौकरी खा जाने की बात कही.

पीड़ित सुनील चौधरी ने बताया मैं डर के कारण वहां पर खड़े देख रहे व पूरी बात सुन रहे महेन्द्र सिंह चौधरी से दो हजार रुपए उधार मांगा और उसे देने लगा तो कहने लगा कि दारू पीने के लिये पैसा मांगा हूं, कच्ची नही पिउंगा. मेरे दो हजार देने पर उसे रखते हुये कहा कि न्यू ईयर के बाद तेरा क्या हाल करता हूं. गगनई नेचर कैंप में मेरा इंतजाम नहीं कर रहा है। बहाना बना रहा है. घटना को महेन्द्र सिंह चौधरी एवं शुभांशु चौधरी गौरेला निवासी देखे और सुने हैं.

DFO ने वन रक्षक को किया था निलंबित

मिली जानकारी के मुताबिक मरवाही वनमंडल में कुछ दिनों पूर्व नेचर कैम्प घोटाले का खुलासा हुआ था, जिसमें फर्जी समिति बनाकर करोड़ों की राशि गबन करने के आरोप लगे थे. इसके बाद DFO ने वन रक्षक सुनील चौधरी सहित वन विभाग के अन्य कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था. ये खुलासा सुशांत गौतम की शिकायत पर हुआ था. फिलहाल आरोपी पत्रकार के पर FIR दर्ज हो गई है. देखना होगा की आगे पुलिस की जांच में और क्या बातें निकलकर आती है.