आज का पंचांग- दिनांक 28.01.2021, शुभ संवत 2077 शक 1942, सूर्य दक्षिणायन का, पौष मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि, रात्रि को 12 बजकर 46 मिनट तक, दिन गुरूवार, पुष्य नक्षत्र, रात्रि को 3 बजकर 51 मिनट तक. आज चंद्रमा कर्क राशि में, आज का राहुकाल दोपहर 1 बजकर 40 मिनट से 03 बजकर 3 मिनट तक होगा.

पौष पूर्णिमा पूजन से बाधाएं दूर होती

वैदिक ज्योतिष और हिन्दू धर्म से जुड़ी मान्यता के अनुसार पौष सूर्य का माह कहलाता है. कहा जाता है कि इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य देव को अध्र्य देने की परंपरा है.

सूर्य और चंद्रमा का अद्भूत संगम पौष पूर्णिमा की तिथि को ही होता है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों के पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं.

पौष पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि 

– पौष पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें.

– पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें और स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें.

– स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए.

– स्नान से करने के बाद भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए.

– किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें.

– दान में तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र विशेष रूप से दें.

पौष पूर्णिमा का महत्व

पौष माह की पूर्णिमा को मोक्ष की कामना रखने वालों के बहुत ही शुभ मानी जाती हैं। क्योंकि पौष पूर्मिमा के साथ ही माघ महीने की शुरुआत होती है। माघ महीने में किए जाने वाले स्नान की शुरुआत भी पौष पूर्णिमा से ही हो जाती है। शास्त्रों में इसकों लेकर मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन विधिपूर्वक प्रातरूकाल स्नान करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। वह जन्म-मृत्यु के चक्कर से कोसों दूर चला जाता है। यानी उसे मुक्ति मिल जाती है। इस दिन से कोई भी काम करना शुभ माना जाता है।

आज की राशियों का हाल तथा ग्रहों की चाल-

मेष

कार्यभार अधिक हो सकता है….

आज रूटिन से हटकर कार्य की ज्यादा समय लग सकता है…

नाराजगी या रिष्तें में मनमुटाव संभव…

निवारण के लिए –

  1. ऊॅ सों सोमाय नमः का जाप करें….
  2. चावल, कपूर, का दान करें….
  3. शिव सहस्त्रनाम का पाठ करें…
  4. शंकरजी का जल से अभिषेक करें….

वृषभ –

दोस्तो के साथ यात्रा…

आनन्ददायी दिन….

आहार का संयम रखें…

शुक्र के लिए –

  1. ऊॅ शुं शुक्राय नमः का जाप करें तथा माॅ महामाया के दर्शन कर दिन की शुरूआत करें….
  2. चावल, धी, दूध, दही का दान करें….

मिथुन –

बौद्विक एवं सामाजिक प्रतिष्ठा….

मानसिक कष्ट संभव….

मन में भ्रम की स्थिति…

केतु के लिए निम्न उपाय करें –

  1. गणपति की उपासना करें, धूप, दीप तथा नैवेद्य चढ़ायें…
  2. ऊॅ कें केतवें नमः का जाप कर दिन की शुरूआत करें…

 

कर्क –

व्यवसायिक उन्नति या लाभ…

पार्टनर से विवाद…

श्वसन रोग…

शांति के लिए आप-

  1. ‘‘ऊॅ शं शनिश्चराय नमः’’ का जाप कर दिन की शुरूआत करें….
  2. भगवान आशुतोष का रूद्धाभिषेक करें….

 

सिंह –

नये अवसर की प्राप्ति….

नये प्रोजेक्ट में लीडरषीप…

पार्टनर से अलगाव….

उपाय –

  1. ऊ धृणिः सूर्याय नमः का जाप कर, अध्र्य देकर दिन की शुरूआत करें,
  2. लाल पुष्प, गुड, गेहू का दान करें,

 

कन्या –

पारिवारिक व्यवसाय में लाभ…

नवीन वाहन सुख….

दाम्पत्य जीवन में तनाव….

शांति के लिए –

  1. ऊॅ गुरूवे नमः का जाप करें,
  2. मीठे पीले खाद्य पदार्थ का सेवन करें तथा दान करें,

 

तुला –

हेक्टिक शेड्यूल…

वित्तीय लाभ…

उदर विकार….

राहत के लिए-

  1. ऊॅ शुं शुक्राय नमः का जाप करें तथा माॅ महामाया के दर्शन कर दिन की शुरूआत करें,
  2. चावल, धी, दूध, दही का दान करें…..

वृश्चिक –

व्यवहार में झूठ से हानि…

आर्थिक कष्ट…

पारिवारिक रिष्तों कटुता….

दोषों के निवारण के लिए –

  1. ऊॅ रां राहवे नमः का जाप कर दिन की शुरूआत करें….
  2. धतूरे की माला शिवजी में चढ़ायें….

 

धनु –

प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता….

निद्रा तथा धैर्य में कमी…

शांति के लिए –

  1. ऊॅ अं अंगारकाय नमः का जाप करें,
  2. हनुमानजी की उपासना करें,
  3. मसूर की दाल, गुड या तांबा दान करें,

 

मकर –

सामाजिक प्रतिष्ठा…

सुखद पारिवारिक स्थिति….

नौकरी में पदोन्नति…

उदर विकार से कष्ट….

अतः शनि से उत्पन्न कष्ट के लिए –

  1. ‘‘ऊॅ शं शनिश्चराय नमः’’ का जाप कर दिन की शुरूआत करें,
  2. भगवान आशुतोष का रूद्धाभिषेक करें,

 

कुंभ –

बुद्धिचातुर्य से लाभ…

काम में सफलता…

निर्णय में विलंब से हानि…

राहु कृत दोषों की शांति के लिए –

  1. ऊॅ रां राहवे नमः का जाप कर दिन की शुरूआत करें,
  2. धतूरे की माला शिवजी में चढ़ायें,

मीन –

कला क्षेत्र में यश….

वित्तीय तनाव….

यात्रा से कष्ट…

शांति के लिए –

1.ऊॅ ब्रं ब्रहस्पतये नमः का जाप करें….

2.मीठे पीले खाद्य पदार्थ का सेवन करें तथा दान करें….

  1. साईजी के दर्षन करें.