आज का पंचाग दिनांक 21.10.2023 शुभ संवत 2080 शक 1945 सूर्य दक्षिणायन का आश्विन मास शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि रात्री को 09 बजकर 54 मिनट तक दिन शनिवार पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रात्री को 07 बजकर 54 मिनट तक आज चंद्रमा मकर राशि में आज का राहुकाल सुबह को 08 बजकर 55 मिनट से 10 बजकर 22 मिनट तक होगा.
आज के राशियों का हाल तथा ग्रहों की चाल
मेष – आलस्य, ब्लडप्रेशर तथा श्वासरोग से पीड़ित हो सकते हैं. किसी विषय पर झूठ बोलने की स्थिति निर्मित होने से विश्वास में
कमी होने की संभावना. अतः आलस्य तथा अन्य कष्टों से निवारण के लिए – मातृशक्ति भगवती गायत्री की आराधना करें. लाल वस्त्र, लाल पुष्प चढ़ायें. पंजीरी का प्रसाद चढ़ाकर वितरित करें.
वृषभ – वाणी में कटुता से संबंधों में खटास आ सकती है तथा कोर्ट में धन संबंधित विवाद की स्थिति आ सकती है. व्यर्थ की यात्रा तथा उससे विवाद एवं हानि की आशंका बन सकती हैं अतः शांति के लिए – कन्या को नीले रंग की चूड़ी दान करें, सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग का सामना दान करें. रोगियों को फल का दान करें.
मिथुन – मिथुन राशि वाले जातकों के ऊर्जा का स्तर बहुत अच्छा रहेगा तथा काम में हुनर तथा योग्यता दिखाई देगी. किंतु मन में भ्रम की स्थिति तथा इस स्थिति का लाभ विरोधियों या अपनो द्वारा भी उठाया जाकर धोखा खा सकते हैं तथा पार्टनर से विवाद हो सकता है साथ ही वातरोग से कष्ट की भी संभावना बनती है, जिसके लिए – हल्दी, चंदन, नारियल, खट्टे फल या हाथी दात से बनी सामग्री का दान करें, पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करें तथा लाल धागा लपेटें, शक्कर पेड के जड़ में रखें. नीबू या खट्टे खाद्य पदार्थ कुवारी कन्या को दान करें.
कर्क – तृतीय भाव में स्थित सूर्य, बुध और बृहस्पति से आप उत्साह पूर्वक निपुणता से कार्य करेंगे. किंतु द्वितीय स्थान में स्थित
राहु के कारण मनवांछित सफलता प्राप्त ना होने के कारण आर्थिक कष्ट हो सकता है तथा भाई या सहयोगी से विवाद तथा कटु वचन बोलने के कारण वैमनस्य हो सकता है. अचानक यात्रा करने से स्वास्थ्य या गले में कष्ट होने की भी आशंका. कष्ट से शांति के लिए आप – काले वस्त्र या चमड़े से बनी सामग्री का दान करें, उड़द या तिल या सरसों का तेल दान करें, अधिनस्थ कार्य करने वाले की यथा संभव सहायता करें, किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें.
सिंह – लग्नेश सिंह दूसरे भाव में होने से शत्रु से विजय, अचानक सम्मान की प्राप्ति या दिया गया कर्ज वापस मिल सकता है. किंतु पराक्रमी तथा दुःसाहसी होने के बाद भी बारहवे राहु एवं तीसरे स्थान में शुक्र आलस्य करना आपको हानिकारक हो सकता है साथ ही अधिकारियों से विवाद या वाहन से चोट भी लग सकती है. बेवजह बहस या चोट तथा हानि से बचाव के लिए – लाल पुष्प, केशर, इलायची, गुड, गेहू का दान करें. मातृशक्ति भगवती गायत्री की आराधना करें. लाल वस्त्र, लाल पुष्प चढ़ायें. पंजीरी का प्रसाद चढ़ाकर वितरित करें.
कन्या – लग्न स्थान में स्थित बृहस्पति के कारण विद्धान तथा सुखी होता है किंतु पितृगुरूद्धेषी होने से अशुभ फल की प्राप्ति हो सकती है तथा पत्नी/ पार्टनर से विवाद की स्थिति बन सकती है केंद्राधिपति दोष से दुषित बृहस्पति की शांति के लिए – देवी जी में पीला वस्त्र, पीले पुष्प. लड्डू का भोग लगायें. केला चढ़ायें. ऊॅ गुरूवे नमः का जाप करें. पीली वस्तुओं का दान करें.
तुला – लग्नेश शुक्र के लग्न में होने से क्षमता के बाहर खर्च कर सकते हैं और उसके कारण अपनो से मिथ्या बोल के कारण अपमान होने की स्थिति बन सकती है साथ ही पत्नी से विवाद तथा व्यवयाय में अचानक धनहानि हो सकती है. अतः सबंधित अनिष्ट से राहत के लिए- ऊॅ शुं शुक्राय नमः का जाप करें तथा माॅ महामाया के दर्शन कर दिन की शुरूआत करें, चावल, धी, दूध, दही का दान करें साथ ही सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग का सामान दान करें, सुगंधित वस्तुओं का दान करें. इत्र या सौंदर्य सामग्री का दान करें.
वृश्चिक – दशम स्थान में शनि दृष्ट राहु के कारण व्यवसाय में या अध्ययन में अचानक बाधा आ सकती है किसी प्रकार के विरोध का सामना करना पड़ सकता है. शत्रु तथा शस्त्र से हानि हो सकती है अतः राहु दोषों के निवारण के लिए – ऊॅ रां राहवे नमः का जाप कर दिन की शुरूआत करें. बहन, भतीजी या गरीब कन्या को नीले रंग की चूॅडिया दान करें. सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग का सामना दान करें.
धनु – लग्न में स्थित मंगल से अचानक धन प्राप्ति होती है किंतु व्यसन या मित्रों के द्वारा उस धन की हानि भी हो जाती है तथा
विवाद में फॅस सकते है. अतः मंगल की शांति के लिए – देवीजी में नीले वस्त्र का चढावा चढ़ायें. देवी दर्शन को आये भक्तजनों के पानी की व्यवस्था करें. मिठाई या मीठे फल दान करें.
मकर – लग्नेश शनि एकादश स्थान में होने से धार्मिक कार्य में धन खर्च हो सकता है साथ ही मित्र तथा भाई-बहनों से अनबन
हो सकती है. शनि से उत्पन्न कष्ट के लिए – आज देवी को जामुनिया, नीले वस्त्र से तैयार करें. या चढ़ायें. तिल, गुड से बने लड्डू का भोग लगायें. सभी भक्तजनों को प्रसाद वितरित करें.
कुंभ – सप्तम स्थान में स्थित राहु से पार्टनर के उपर अविश्वास या मतभेद के कारण व्यवसाय में और आय में बाधा हो सकती
है साथ ही एकादश स्थान में मंगल और चंद्रमा तथा लग्न में केतु होने से कंधे एवं खानपान के कारण गले में तथा दाॅत में कलीफ भी संभव. राहु कृत दोषों की शांति के लिए – देवीजी में नीले वस्त्र का चढावा चढ़ायें. देवी दर्शन को आये भक्तजनों के शरबत पिलायें. आईना दान करें, तिल, तेल का दान करें.
मीन – छठवे स्थान में स्थित राहु के कारण हानि, रोग से धन का संकट होने से पारिवारिक तथा मानसिक अशांति हो सकती है
साथ ही आकस्मिक चोरी या महत्वपूर्ण वस्तु के गुम जाने से तनाव तथा माता को कष्ट हो सकता है अतः अनिष्ट की शांति के लिए – महामाया के दर्शन करें. चावल, दूध, दही का दान करें. माता का दूध दही से अभिषेक करें.
पंडित – प्रिय शरण त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य.