अमित पाण्डेय, खैरागढ़। डोंगरगढ़ में नया अस्पताल भवन बन कर तैयार है, लेकिन इलाज के लिए मरीज आज भी हलाकान हैं. इलाज के लिए शहर से चार किमी दूर बने नए अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों का कहना है कि अस्पताल में न ही डाक्टर मिलते हैं, और न ही दवाइयां. ऐसे में सुविधा का ढिंढोरा पिटने का क्या मतलब है.

बता दें कि शहर से चार किलोमीटर दूर बने नए सर्वसुविधायुक्त अस्पताल भवन का वर्तमान विधायक ने उद्घाटन किया था. नए अस्पताल भवन में सुविधाएं तो उपलब्ध कराई है, लेकिन उन सुविधाओं का लाभ देने के लिए स्टॉफ उपलब्ध नहीं करवाया. ऐसा नहीं है कि पुराने भवन में तमाम सुविधाएं मौजूद थी. वहां भी समस्या था, लेकिन भवन के शहर के बीचो-बीच होने के कारण स्टॉफ नर्स व ड्यूटी डॉक्टर थोड़ा लेट सही पर आ जाते थे, लेकिन जब से सरकारी अस्पताल आईटीआई चौक के पास स्थानांतरित हुई है, तब से स्टॉफ व डॉक्टर के आने का समय ही बदल गया है.

नए अस्पताल भवन में सुविधाओं की बदहाली का जायजा लेने लल्लूराम डॉट कॉम की टीम पहुंची और मरीजों से हाल-चाल जाना. पता चला कि बड़ी संख्या में शहर सहित दूरदराज के मरीज 9 बजे से अस्पताल पहुंच गए थे, जिनमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं. सभी पर्ची काउंटर खुलने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन पर्ची काउंटर 11 बजे खुला और जैसे-तैसे पर्ची कटवाने के बाद जब ओपीडी पहुंचे तो देखा कि पूरे अस्पताल में मात्र एक ही डॉक्टर हैं, जो सभी मरीजों का चेकअप कर रहे हैं.

मात्र एक डॉक्टर होने की वजह से मरीजों की कतार लगी हुई थी. छोटे बच्चों सहित बुजुर्ग व गर्भवती महिलाएं भी घण्टों खड़े होकर अपनी बारी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. पूरे मामले में खंड चिकित्सा अधिकारी बीपी एक्का से बात की तो उन्होंने तीन दिनों की सरकारी छुट्टी का हवाला देते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया. बहरहाल, मरीज रोज परेशान हो रहे हैं. नई बिल्डिंग तो बनाई पर इलाज देने में शासन नाकाम है.

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