अजयारविंद नामदेव, शहडोल। जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है। यहां के एक निजी अस्पताल प्रबंधन ने मरीज की मौत के बाद फीस नहीं चुकाने पर शव को बंधक बना लिया। मजबूर किसान ने खेतों में खड़ी फसल को बेचकर पत्नी के शव को अस्पताल से मुक्त कराया। मामले में पुलिस ने अस्पताल प्रबंधक और एक डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामला जिले के देवांता हॉस्पिटल का है।

दरअसल अनुपपूर जिले के जैतहरी निवासी किसान संतोष राठौर की पत्नी पुष्पा राठौर 9 सितंबर को गलती से कीटनाशक खा ली थी। हालात ज्यादा बिगड़ने पर परिजनों ने महिला को अनुपपूर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां हालत ज्यादा बिगड़ने लगी।
इसके बाद परिजनों ने महिला को 13 सितंबर को शहडोल के देवांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया।

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मृतक महिला का पति

इलाज के दौरान लागातार अस्पताल प्रबंधक पैसों की मांग करता रहा। किसान हर बार पैसे जमा करता रहा। 22 सितम्बर को हालात जायद बिगड़ने पर डॉक्टों ने 64 हजार रुपए की मांग की। इस दौरान महिला की मौत हो गई। पैसों की व्यवस्था नहीं होने पर प्रहंधक ने महिला के शव को बंधक बना लिया। , जिससे मजबूर होकर खड़ी फसल बेचकर पत्नी का शव मुक्त कराया।

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आयुष्मान कार्ड से इलाज करने से किया इंकार
किसान के पास आयुष्मान कार्ड भी है। योजना के तहत निःशुल्क इलाज कराने का प्रवधान है। हालांकि अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने से अस्पताल प्रबंधक ने माना कर दिया । जिसकी शिकायत मरीज के परिजन ने पुलिस से की।

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इन धाराओं के तहत मामला हुआ दर्ज
महिला के पति ने मामले की शिकायत कोतवाली में की। शिकायत के आधार पर पुलिस ने देवांता अस्पताल के डॉक्टर वीके त्रिपाठी और डॉ. ब्रजेश पांडे के खिलाफ धारा 420, 384, 294 के तहत मामला कायम कर लिया है।

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