38th National Games Uttarakhand. राष्ट्रीय खेलों से खेल विकास की प्रबल संभावनाओं के बीच होटल इंडस्ट्री भी झूम उठी है. देहरादून-हरिद्वार से लेकर खटीमा-पिथौरागढ़ तक के होटल राष्ट्रीय खेलों के लिए आरक्षित हो गए हैं. उत्तराखण्ड के 12 शहरों में खिलाड़ियों और अन्य तमाम लोगों को रुकवाने की व्यवस्था की गई है. होटल इंडस्ट्री की बेहतरी के लिए इस स्थिति को शुभ संकेत माना जा रहा है. उत्तराखण्ड के होटल कारोबारी उत्साहित हैं. तात्कालिक लाभ तो उन्हें मिल ही रहा है, दीर्घकालिक लाभ की भी वे उम्मीद कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन न सिर्फ खेलों, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी उत्तराखण्ड को आगे बढ़ाने वाला साबित होगा. यह आयोजन हम सभी का है. हमारी कोशिश है कि देशभर से आने खिलाड़ी उत्तराखण्ड में आकर अच्छा अनुभव करें. उत्तराखण्ड के हर एक व्यक्ति से अपील है कि वे राष्ट्रीय खेलों में अपना-अपना योगदान सुनिश्चित करें.
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देशभर में मिलेगा एक्सपोजर- पंकज गुप्ता
दूसरी तरफ, इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों से उत्तराखण्ड की होटल इंडस्ट्री को देशभर में एक्सपोजर मिलेगा. इसके दीर्घकालिक फायदे मैं ज्यादा देखता हूं. सबसे अहम बात राष्ट्रीय खेलों का उत्तराखण्ड में होना है. ऐसे में इंडस्ट्री से जुडे़ हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि देशभर से आने वाले लोगों को वह अच्छी सेवाएं दें. ताकि पूरे देश में उत्तराखण्ड का नाम हो.
38वें राष्ट्रीय खेलों में दस हजार से ज्यादा खिलाड़ी उत्तराखण्ड पहुंच रहे हैं. खेलों से संबंधित अन्य अफसर और स्टाफ अलग हैं. इन सभी के लिए राष्ट्रीय खेल सचिवालय के स्तर पर होटलों में रुकने का इंतजाम कराया गया है. इसके अलावा, जिस तरह की सूचनाएं मिल रही हैं, उसमें खिलाड़ियों के रिश्तेदार और अन्य लोग भी अपने स्तर से होटलों में कमरों की बुकिंग करा रहे हैं. उत्तराखण्ड में कड़कड़ाती सर्दी के बीच राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होटल इंडस्ट्री को गरमी प्रदान कर रहा है. भीमताल-टनकपुर के होटल कारोबारी हों या फिर कोटी कालोनी टिहरी के होटल व्यवसायी, राष्ट्रीय खेलों की वजह से सबकी आंखों में चमक आ रही है.
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