Jio Coin: एशिया और भारत के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने जानी-मानी क्रिप्टो और ब्लॉकचेन प्लेयर पॉलीगॉन लैब्स के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य ब्लॉकचेन और वेब3 क्षमताओं के साथ अपनी ऑफरिंग को बढ़ाना है। इस बीच सोशल मीडिया पर यह चर्चा तेज हो गई कि रिलायंस इंडस्ट्रीज क्रिप्टोकरेंसी बाजार में जियो कॉइन लॉन्च करने जा रही है। कई सोशल मीडिया दावों में इसे जल्दी अमीर बनने का जरिया बताया जा रहा है। हालांकि, अब तक कंपनी की ओर से इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। यहां हम आपको जियो कॉइन से जुड़ी खास जानकारी बताने जा रहे है।
क्या है Jio Coin?
बता दें कि जियो कॉइन एक ब्लॉकचेन-आधारित रिवॉर्ड टोकन है। इसे जियो के ऐप्स और सेवाओं जैसे MyJio, JioCinema, और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर इंटरैक्शन के जरिए अर्जित किया जा सकता है। इसके अलावा, JioSphere ब्राउज़र का उपयोग करके इंटरनेट ब्राउज करने पर भी जियो कॉइन कमाए जा सकते हैं। इन टोकन्स को उपयोगकर्ताओं के पॉलीगॉन वॉलेट में जमा किया जाएगा। हालांकि, वर्तमान में यह टोकन ट्रांसफरेबल या रिडीमेबल नहीं है। यानी, यूज़र्स इसे किसी और को ट्रांसफर नहीं कर सकते या इसे बाजार में बेच नहीं सकते।
जियो कॉइन से कैसे करें कमाई?
वर्तमान में जियो कॉइन को सीधे खरीदा नहीं जा सकता। उपयोगकर्ता इसे JioSphere ब्राउज़र के माध्यम से कमा सकते हैं। इसके लिए:
- Android या iOS पर JioSphere ब्राउज़र डाउनलोड करें।
- अपने जियो नंबर से साइन अप करें।
- ब्राउज़र में प्रोफाइल आइकॉन पर क्लिक करके Jio Coin Wallet ऑप्शन चुनें।
- वॉलेट में लॉगिन के बाद टोकन्स अर्जित करना शुरू करें।
जियो कॉइन का संभावित मूल्य
जियो कॉइन की आधिकारिक कीमत का खुलासा अभी नहीं हुआ है। अनुमान है कि अगर यह क्रिप्टो बाजार में उतरता है तो $0.5 (₹43.30) प्रति टोकन पर लॉन्च हो सकता है। समय के साथ, इसकी उपयोगिता बढ़ने से इसकी कीमत में इजाफा होने की उम्मीद है।
क्या जियो कॉइन से बन सकते हैं करोड़पति?
सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों के मुताबिक, जियो कॉइन का उद्देश्य सिर्फ लेनदेन तक सीमित नहीं है। इसे मोबाइल रिचार्ज, शॉपिंग डिस्काउंट, और ईंधन भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, रिलायंस ने इस प्रोजेक्ट को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, इसलिए दावों पर पूरी तरह भरोसा करने से बचें।
क्रिप्टो को वैध नहीं मानती भारत सरकार
गौरतलब है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कड़े नियम हैं। सरकार इसे वैध नहीं मानती है। क्रिप्टोकरेंसी से हुए लाभ पर संबंधित को 30% कर चुकाना होता है। इसके साथ ही स्रोत पर 1% टीडीएस भी देना होता है। खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी इस पर सरकार का रुख साफ कर चुकी हैं।
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