रायपुर. चित्रकोट विधानसभा उपचुनाव में आखिरीकार कांग्रेस ने अंतिम समय में बलराम मौर्य को मना लिया. नामांकन पत्र खरीदने के बाद भी बलराम ने प्रदेश नेतृत्व के कहने पर नहीं भरा. इस मैनेजमेंट से सत्ता पर काबिज पार्टी की किरकिरी होने से बच गई.

कांग्रेस से दंतेवाड़ा उपचुनाव का टिकट नहीं मिलने के बाद बलराम सोमवार को निर्दलीय पर्चा दाखिल करने वाले थे. सारी तैयारी कर ली थी. समर्थकों को संदेश दिये जा चुके थे. इस बात की भनक लगते ही कांग्रेस सक्रिय हुई. पार्टी का मानना था कि अगर बलराम निर्दलीय चुनाव लड़ता है तो पार्टी की साख को नुकसान पहुंचेगा.

लिहाज़ा बस्तर विकास प्राधिकरण लखेश्वर बघेल, सासंद दीपक बैज और मलकीत सिंह गेंदू ने मोर्चा संभाला. वे बलराम मौर्य से मिले, उन्हें समझाया बुझाया और गाड़ी में बिठाकर रात को ही रायपुर ले आए. यहां तीनों बलराम मौर्य को मुख्यमंत्री से मिलाने उनके निवास लेकर गए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कहने पर बलराम चुनाव न लड़ने पर राज़ी हो गए. माना जा रहा है कि उन्हें आगे संगठन या निगम-मंडल में जगह देने का आश्वासन मिला है.

बताया जाता है कि चित्रकोट चुनाव में सांसद दीपक बैज बलराम मौर्य को टिकट दिलाने के हक में थे. इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी की उम्मीदवारी को वापिस ले लिया था. लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पंसद राजमन बैंजाम को टिकट दिया गया.