नई दिल्ली। दिल्ली के जल मंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने यमुना में पड़ोसी राज्यों से होने वाले प्रदूषण को लेकर डीजेबी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक ली. इसमें यमुना को साफ करने के लिए बनाए जा रहे मास्टर प्लान पर चर्चा की गई. मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि केजरीवाल सरकार पड़ोसी राज्यों से यमुना में आने वाले गंदे पानी की सफाई खुद के खर्च पर करवाएगी. दिल्ली सरकार ने 155 एमजीडी दूषित पानी को अपने खर्च पर साफ करने का फैसला लिया है.

यमुना में इंटरस्टेट पॉल्यूशन रोकने के लिए मास्टर प्लान, केजरीवाल सरकार अपने खर्च पर कराएगी सफाई

यमुना में मिलता है पड़ोसी राज्यों का गंदा पानी

 

यमुना में हरियाणा के दो प्रमुख नालों से 105 एमजीडी दूषित पानी आता है. इसमें से 90 एमजीडी दूषित पानी गुरुग्राम के रास्ते बादशाहपुर नाले से ड्रेन नंबर 6 से आता है. इसी तरह, उत्तर प्रदेश से 50 एमजीडी दूषित पानी दिल्ली के गाजीपुर नाले में गिरता है, जो यमुना नदी में मिल जाता है

दिल्ली जल बोर्ड ने उठाए कई अहम कदम

जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि “दूषित पानी एक संसाधन है, जो किसी भी शहर की पानी की समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकता है. दिल्ली जल बोर्ड ने इस दिशा में कुछ कदम उठाए हैं. ड्रेन नंबर 6 लगभग 15 एमजीडी पानी ले जा रहा है, जिसके प्रवाह को बैराज के माध्यम से टैप किया गया है और नरेला एसटीपी की ओर मोड़ दिया गया है, जो वर्तमान में 10 एमजीडी की अपनी क्षमता के मुकाबले लगभग 12 एमजीडी दूषित पानी को साफ करता है. इसके अलावा नरेला क्षेत्र की विभिन्न झीलों, जलाशयों, टैंकों और हरित क्षेत्रों में कायाकल्प और पुनर्भरण के लिए इस साफ किये गए पानी को ले जाने के लिए पाइपलाइन भी बिछाई जा रही है.

MP में राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज होगा अपराध! गृहमंत्री ने कहा- कानूनी विशेषज्ञों से लेंगे राय, ये है मामला

 

भूजल प्रदूषण की समस्या भी होगी कम

इसी तरह कल्याणपुरी में स्थित गाजीपुर ड्रेन से दूषित पानी निकालने और कोंडली एसटीपी तक पहुंचाने के लिए बैराज का काम पूरा कर लिया गया है. 5-7 एमजीडी के प्रवाह को पहले ही मोड़ दिया गया है, जिसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 50 एमजीडी की अंतिम क्षमता तक पहुंचा दिया जाएगा. गाजीपुर नाले के पूरे गंदे पानी को टैप कर ट्रीट किया जाएगा. रीसाइकिल किए गए पानी को पूर्वी दिल्ली की झीलों और हरित क्षेत्रों की ओर मोड़ दिया जाएगा. साथ ही बचे हुए साफ पानी को कायाकल्प और पुनर्भरण परियोजनाओं के लिए नालों में छोड़ा जाएगा. इस पहल से गंदे पानी से होने वाली दुर्गंध की समस्या से भी निजात मिलेगी और आसपास के क्षेत्रों के भूजल प्रदूषण की समस्या भी कम होगी.

30,570 Infections Logged; Mega Vaccination Announced on Sept 17

बादशाहपुर ड्रेन से आने वाले गंदे पानी को इन-सीटू ट्रीटमेंट दिया जाएगा

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग नजफगढ़ ड्रेन की कायाकल्प करने पर कार्य कर रहा है, जिसमें बादशाहपुर ड्रेन से आने वाले गंदे पानी को इन-सीटू ट्रीटमेंट दिया जाएगा. इसमें दूषित पानी को नाले के प्रवाह के दौरान ही साफ कर दिया जाएगा. दूषित पानी का उपचार फ्लोटिंग एरेटर और फ्लोटिंग वेटलैंड्स की मदद से किया जाएगा. पानी में ऑक्सीजन की मात्रा को भी बढ़ाया जाएगा और यह 04 मिलीग्राम प्रति लीटर से ऊपर रखी जाएगी. नजफगढ़ ड्रेन 57 किलोमीटर लम्बी है, जबकि बादशाहपुर ड्रेन के दूषित पानी की सफाई शुरुआती 4-5 किलोमीटर में ही कर दी जाएगी.

Cabinet Approves 4 Year Moratorium on AGR Dues; Telecom Sector Granted 100% FDI

 

दिल्ली सरकार ने इन सभी नालों की सफाई के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है. इसके लिए नई तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है. इन-सीटू तकनीक के साथ-साथ मौजूदा एसटीपी का उपयोग इन नालों को साफ करने के लिए किया जाएगा, जहां इन राज्यों का दूषित पानी दिल्ली के नालों में मिलेगा.