लखनऊ. आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम के दौरान लोगों से इंडिया की जगह भारत नाम इस्तेमाल करने की अपील की. वहीं G20 समिट में शामिल वर्ल्ड लीडर्स के लिए राष्ट्रपति भवन में 9 सितंबर को डिनर कार्यक्रम के लिए भेजे आमंत्रण पत्र में परंपरा से हटकर ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा है. इसके अलावा आसियान-इंडिया सम्मेलन में भी ‘प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत’ लिखा है. इसके बाद देशभर में खूब विरोध हो रहा है. इसको लेकर सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर लिखा कि हिंदू राष्ट्र की मांग कर देश के बंटवारे का बीज बोने वाले RSS एवं BJP को अचानक भारत प्रेम कैसे जग गया, यदि भारत से ही प्रेम हैं तो हिंदू राष्ट्र की मांग क्यों? India का विरोध करने वाले शायद यह नहीं जानते कि India भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 अंतर्गत India that is Bharat संविधान का मुख्य हिस्सा है इसलिए india का विरोध जहां एक ओर भारतीय संविधान का विरोध हैं, वहीं दूसरी तरफ भारतीय संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहेब, डॉ. भीमराव अम्बेडकर का भी विरोध है. यद्यपी की दलितों का वोट लेने के लिए RSS व BJP के लोग बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर को भगवान का अवतार बताकर माला फूल चढ़ाने का नाटक तो करते हैं किन्तु डॉ. अम्बेडकर की विद्वता, लोकप्रियता एवं जीवनन्ता जिसका दुनियां लोहा मानता है, उससे जलते हैं.

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सपा नेता ने कहा कि इसीलिए संविधान के अनुच्छेद 1 अंतर्गत India का विरोध तो बहाना है, सही मायने में ये विरोध देश के करोड़ों-करोड़ों दलितों, आदिवासियों, पिछड़ो व वंचितों के मसीहा तथा भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर का विरोध है. RSS और BJP के इस ओछी सोच की मैं घोर निंदा करता हूं.

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