रायपुर. ग्रहण का हिंदू परंपरा में एक खास स्थान है. ग्रहण की घटना जहां खगोलीय और वैज्ञानिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण होती है. वहीं ज्योतिष के लिहाज से भी इसे फेरबदल वाली युति माना जाता है. हर वर्ष राहु और केतु सूर्य और चंद्रमा का ग्रास करने के लिए आते हैं, इसलिए हर साल चंद्र ग्रहण एवं सूर्य ग्रहण लगता है. इसका असर लगभग सभी के जीवन पर पड़ता है. इंसानों पर ही नहीं बल्कि देवताओं पर भी होता है इसलिए ग्रहण के दैरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं.

यहां ये भी जानना जरूरी है कि ग्रहण का असर राशियों पर प्रभाव कितने दिन का होता है. इसे लेकर पंचांगकर्ता पं. चंदन श्याम नारायण व्यास उज्जैन ने एक उदारण देते हुए बताया, आंधी-तूफान या बाढ़ अपने पिछले तबाही के निशान छोड़ जाते हैं फिर धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होती है. ग्रहण में भी जातक पर उसका असर चार से पांच माह तक रहता है. दुष्प्रभावों से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में अनेक उपाय जप, पूजा, तप बताए गए हैं. इसे करके जातक इसे कम कर सकता है.

सूर्य ग्रहण पर करें ये उपाय
सूर्य मंत्र
ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: (28000 जाप)
या ओम सूर्याय नम:, ओम घृणि सूर्याय नम:
राहु मंत्र
ओम भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: (72000 जाप)
ओम रां राहवे नम:

दो प्रकार के होते हैं ग्रहण
यहां ये जान लें कि सूर्यग्रहण एवं चन्द्रग्रहण भी मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं- खग्रास और खण्डग्रास. जब ग्रहण पूर्णरूपेण ग्रास होने पर हल्का सा दृश्यमान होता है तो उसे खग्रास एवं कुछ हद तक ग्रास होने के बाद बाकी बचा हिस्सा दृश्यमान होता है तब उसे खंडग्रास कहा जाता है. मंगलवार 25 अक्टूबर 2022 को खण्डग्रास सूर्यग्रहण होगा.

सूर्य ग्रहण का क्या होगा राशियों पर प्रभाव
इस खण्डग्रास सूर्यग्रहण का सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव होगा. अशुभ राशि वाले जातक ग्रहण काल में जप-तप-दान-ध्यान कर इसके दुष्प्रभाव को कम कर सकते हैं.
शुभ फल- वृषभ, सिंह, धनु, मकर
मध्यम फल- मेष, मिथुन, कन्या, कुम्भ
अशुभ फल- कर्क, तुला, वृश्चिक, मीन