Maharashtra Politics Crisis: महाराष्ट्र में एक बार फिर भूकंप आया है. एनसीपी नेता अजित पवार ने पार्टी को धोखा दिया है. पाला बदलने से एनसीपी को बड़ा झटका लगा है. राज्य के नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार ने राजभवन में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. अब महाराष्ट्र में दो डिप्टी सीएम होंगे. वहीं, एनसीपी के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य में अब ट्रिपल इंजन की सरकार है.

महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला. जब एनसीपी के शीर्ष नेताओं में से एक अजित पवार ने बगावत कर दी और महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए, जिसके बाद आनन-फ़ानन में अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. उनके साथ एनसीपी के कुल 9 नेताओं ने महाराष्ट्र में मंत्री पद की शपथ ली है.

शपथ लेने वाले नेताओं की सूची इस प्रकार है-

रविवार को महाराष्ट्र कैबिनेट में बागी एनसीपी नेता अजित पवार समेत छगन भुजबल, दिलीप वाल्से, हसन मुश्रीफ भी मंत्री बन गए हैं. अनिल पाटिल, अदिति तटकरे, धनंजय मुंडे, धर्मराव अत्राम, संजय बनसोडे ने भी मंत्री पद की शपथ ली है.

बैठक में कौन-कौन हुआ था शामिल ?

खबरों के मुताबिक अजित पवार द्वारा बुलाई गई बैठक में बड़ी संख्या में एनसीपी विधायक शामिल हुए. दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुश्रीफ, छगन भुजबल, किरण लहमाटे, नीलेश लंका, धनंजय मुंडे, रामराजे निंबालकर, दौलत दरोदा, मकरंद पाटिल, अतुल बेनके, सुनील टिंगरे, अमोल मिटकारी, अदिति तटकरे, शेखर निकम, निलय नाइक, अशोक पवार, अनिल पाटिल, सरोज अहिरे और अन्य उपस्थित थे.

2019 में भी बगावत हुई थी

अजित पवार ने पहली बार बगावत नहीं की है. बल्कि जब से महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी का गठबंधन बना है. तब से खुश नहीं हूं. 2019 में उन्होंने अचानक बीजेपी को समर्थन दे दिया.

तब देवेन्द्र फड़णवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन तब शरद पवार ने इस बगावत को रोक दिया था. उन्होंने 48 घंटे के अंदर सभी विधायकों को एकजुट कर लिया था. जिसके बाद देवेन्द्र फड़णवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.

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