How Many Diyas to Light on Dhanteras: दिवाली महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है, और इस वर्ष यह शुभ तिथि 18 अक्टूबर को मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाने वाला यह दिन मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और धन के देवता कुबेर की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है. इस अवसर पर सोना-चांदी या नए बर्तनों की खरीदारी का भी परंपरागत महत्व है.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, धनतेरस पर 13 दीपक जलाना सबसे शुभ माना गया है. चूंकि यह पर्व तेरस तिथि को पड़ता है, इसलिए 13 दीयों का दीपदान शास्त्रसम्मत माना गया है. ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती हैं और परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है.
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यम दीपदान का विशेष महत्व (How Many Diyas to Light on Dhanteras)
धनतेरस की संध्या पर 13 दीपों में से पहला दीप यमराज को समर्पित किया जाता है, जिसे ‘यम दीप’ कहा जाता है. इस दीप को घर के बाहर, मुख्य द्वार के पास या कूड़ेदान के पास दक्षिण दिशा की ओर रखकर जलाया जाता है. मान्यता है कि यह दीया परिवार को अकाल मृत्यु और अनिष्ट से बचाता है. यह दीप पूरी रात जलता रहना शुभ माना गया है.
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शेष 12 दीयों की स्थापना (How Many Diyas to Light on Dhanteras)
बाकी 12 दीए घर के विभिन्न स्थानों पर जलाना चाहिए – पूजा स्थल, मुख्य द्वार, तुलसी का पौधा, रसोईघर, छत, खिड़कियों के पास और आंगन में. कहा जाता है कि इससे घर में लक्ष्मी का आगमन होता है और वर्षभर समृद्धि बनी रहती है. पंडितों का कहना है कि यदि श्रद्धा और स्वच्छ भाव से धनतेरस की रात्रि में दीपदान किया जाए, तो मां लक्ष्मी, कुबेर देव और भगवान धन्वंतरि की कृपा बनी रहती है, जिससे जीवन में धन, स्वास्थ्य और खुशहाली का संचार होता है.
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