रायपुर. हम में से बहुत से लोग दिल की बीमारी के नाम पर हार्ट अटैक से बेहद परिचित होंगे. बहुतों को ये पता भी नहीं होगा कि कार्डिएक अरेस्ट भला क्या बला है. हम अपने पाठकों और दर्शकों के लिए खास तौर पर इस बीमारी और इससे जुड़े कई पहलुओं के बारे में बताएंगे ताकि आप भी इससे सचेत रहें.

क्या बला है ये कार्डिएक अरेस्ट

दरअसल हमारा दिल जो धक-धक करता है वो इसमें पंपिग के चलते होता रहता है. इस प्रोसेस में हमारे शरीर के सारे हिस्सों तक खून पहुंचता है. अगर इस पंपिंग एक्शन में किसी किस्म का डिस्टरबेंस पैदा होता है तो हमारे शरीर के हिस्सों को खून की सप्लाई बंद हो जाती है और इंसान की मौत हो जाती है. मेडिकल साइंस में इसे ही कार्डिएक अरेस्ट कहा जाता है.

क्या हैं लक्षण

कार्डिएक अरेस्ट में आदमी तुरंत गिर जाता है, न तो इंसान की धड़कनें काम करती हैं, न ही सांस लेता है, न ही उसे होश रहता है. कभी-कभी इंसान को सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, कमजोरी या उल्टी महसूस होती है. इसकी सबसे खास बात ये है कि ये बिना बताए कोई भी अंदेशा दिए आता है और इंसान की जान ले लेता है. इसीलिए इसे साइलेंट किलर कहा जाता है.

बचने के लिए क्या करें

अगर आपको लगातार सीने में दर्द हो रहा है. अगर आप असहज महसूस कर रहे हैं. दिल में धुकधुकी अपने आप तेज हो रही है. सांस लेने में दिक्कत हो रही है या आपको चक्कर लगने जैसा कुछ महसूस हो रहा है तो सीधे आप डाक्टर को दिखाइए. ये संकेत है कि आपका दिल कुछ न कुछ गड़बड़ी जरुर कर रहा है.

किनको ज्यादा खतरा है

अगर आपकी फेमिली में हार्ट पेशेंट रहा है कोई. आपको हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत है. हाई कोलेस्ट्राल है. आप मोटे हैं या फिर डायबिटिक हैं. आपकी लाइफ बेहद तनावभरी है या फिर आप एल्कोहालिक हैं या फिर आपको पहले कभी हार्ट अटैक आ चुका है तो आप सतर्क हो जाइए. इसके साथ ही अगर आपके शरीर में लो पोटैशियम और मैग्नीशियम लेवल है तो भी आप इसका शिकार हो सकते हैं.

क्या करें कि इससे बच सकें

कार्डिएक अरेस्ट से बचने का सौ फीसदी फार्मूला किसी डाक्टर के पास नहीं है लेकिन हम अच्छी जीवन शैली औऱ खानपान के जरिए इसके खतरों से बच सकते हैं. आप स्मोकिंग कर रहे हैं तो बंद कीजिए. एल्कोहल ले रहे हैं तो बंद करें. अच्छी और न्यूट्रीशियस डायट लें. फिजिकली एक्टिव रहें. रोजाना आधे घंटे की ब्रिस्क वाक यानि तेज चाल आपको इसके खतरे से खूब अच्छे से बचाएगी. तली भुनी चीजें बिल्कुल बंद करें.

अगर कार्डिएक अरेस्ट आ ही गया है तो घबराएं मत, ये करें

कार्डिएक अरेस्ट या फिर हार्ट अटैक में हमारा दिल और शरीर के कई हिस्से काम करना बंद कर देते हैं. अगर आपके किसी परिजन या दोस्त को आ गया है तो परेशान न हों. उसे तुरंत सीपीआर दें.

क्या बला है सीपीआर

सीपीआर यानि कार्डियो पल्मोनरी रिसक्सिएशन, इसमें आपको कार्डिएक अरेस्ट हुए व्यक्ति को पहले जमीन या बिस्तर पर सीधा लिटा दें औऱ उस व्यक्ति के सीने को दोनों हाथों से जल्दी-जल्दी पूरी ताकत के साथ 100 से 120 बार एक मिनट में दबाएं. अगर इंसान बेहोशी की हालत में है तो उससे कहते रहें कि आप ठीक हैं, आप ठीक हैं, डोंट वरी. यकीन जानिए सीपीआर से कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक के बहुत सारे पीड़ितों को बचाया जा चुका है. हो सकता है आपका ये प्रयास भी किसी की जान बचा ले.

क्या कहते हैं डाक्टर

डॉ.बजरंग बंसल,हृदय रोग विशेषज्ञ,रायपुर

 

इस बारे में रायपुर के मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ  डा. बजरंग बंसल का कहना है कि ऐसे मामलों मे सीने में बहुत दर्द होता है. उसकी अगर हार्ट प्राब्लम की हिस्ट्री रही है तो ज्यादा संभावना होती है कि कार्डिएक अरेस्ट होने की. श्रीदेवी को आए कार्डिएक अरेस्ट के बारे में डाक्टर बंसल ने कहा कि 45 साल की उम्र की औरतों में इसके चांस ज्यादा होते हैं. अगर आपको दिल से जुड़ी दिक्कत है या हार्ट अटैक औऱ कार्डिएक अरेस्ट का खतरा है तो जेब में हमेशा एस्प्रिन 75 एमजी की दवा साथ लेकर चलें और कोई दिक्कत महसूस होती है तो तुरंत ले लें.

 

संजय गांधी पीजीआई के निदेशक व मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ डा. राकेश कपूर का कहना है कि कार्डिएक अरेस्ट दरअसल दिल के कामकाज के तरीके में उत्पन्न हुए व्यवधान से होता है. इसलिए हर साल ईसीजी जरुर करवानी चाहिए. अगर आप 30 की उम्र को पार कर चुके हैं. साथ ही समय-समय पर अपना ब्लड प्रेशर भी चेक कराते रहें. जितना ज्यादा तनाव मुक्त रहेंगे आपका दिल भी उतना ही ज्यादा खुश रहेगा. अगर परिवार में ये बीमारी वंशानुगत है तो खतरा थोड़ा बढ़ जाता है लेकिन फिर भी अगर आप सक्रिय और तनावमुक्त जीवन जी रहे हैं तो परेशान होने की जरुरत नहीं है.