मध्य प्रदेश के हरदा जिले में आज भयानक हादसा हो गया। जिले के बैरागढ़ स्थित एक पटाखा फैक्ट्री ने अचानक आग लगने से ब्लास्ट हो गया। हादसे के बाद आस पास के करीब 60 घर इसकी जद में आ गए। कई घरों में आग लग गई। चारों और लाशें पड़ी हुई थी। घटना का मंजर देखने के बाद वहां मौजूद लोगों के आंसू निकल पड़े। 

वहीं अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 12 लोगों की इस ब्लास्ट में मौत हो गई। इसी बीच एक और खबर सामने आई है कि पटाखा फैक्ट्री को कुछ समय पहले अपर कलेक्टर ने सील कर दिया था। लेकिन नियमों की अनदेखी करते हुए और प्रशासन के नाक के नीचे इसका संचालन किया जा रहा था। जिसकी वजह से यह बड़ा हादसा हुआ। इस बीच हम आपको बताने जा रहे हैं कि पटाखा बनाने के लिए लायसेंस कैसे मिलता है और इसके क्या नियम हैं।

MP BREAKING: हरदा के पटाखा फैक्ट्री ने फिर हुआ ब्लास्ट, बारूद में आग पकड़ने के बाद हुआ धमाका 

कैसे मिलता है एक्सप्लोसिव विभाग का लाइसेंस  

पटाखे बनाने वाली फैक्ट्रियों को केंद्र सरकार के एक्सप्लोसिव विभाग साथ-साथ बाकी विभागों से भी क्लियरेंस लेनी पड़ती है और जब तक बाकी विभाग अपनी  क्लियरेंस नहीं देते, तब तक डिप्टी कमिशनर इनके लाइसेंस रद्द कर सकते हैं और सेफ्टी नियम पूरे होने उपरांत लाइसेंस जारी किया जाता है।

-पटाखे बनाने का लाइसेंस लेने के लिए कम से कम एक एकड़ ज़मीन होनी चाहिए। इस ज़मीन के आस-पास कोई रिहायश नहीं होनी चाहिए। जिस स्थान पर पटाख़ा फैक्ट्री लगानी है, उसके आगे या पीछे 100 मीटर तक कुछ नहीं होना चाहिए।

  • पटाखा फैक्ट्री में काम करन वाले फ़ोरमैन के पास एक्सप्लोसिव विभाग का लाइसेंस होना चाहिए।
  • जिस कमरो में पटाख़े पैक किये जाते हैं, उस कमरे से दूसरे कमरे में तीन मीटर से 9 मीटर तक ही दूरी होनी चाहिए और बिजली की तारों, गैस सिलेंडर यहां तक कि मोबाइल भी नहीं लेकर जा सकता।
  • पटाख़े बनाने वाले कारीगरों का मेडिकल करवाना ज़रूरी है।

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