
How to Identify Real Shami: हिंदू धर्म में शमी के पौधे का विशेष महत्व माना जाता है. भगवान शिव के प्रिय पौधों में शामिल शमी को शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए हर शनिवार पूजा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ आयुर्वेद में भी शमी के औषधीय गुणों का उल्लेख मिलता है. इसकी छाल गठिया, सर्दी और बवासीर में लाभदायक होती है, जबकि इसके फूल रक्त शुद्ध करने और त्वचा रोगों के उपचार में उपयोगी होते हैं. यदि आप भी शमी का पौधा घर में लगाने की सोच रहे हैं, तो इन मुख्य पहचान बिंदुओं का ध्यान रखें ताकि आपके घर में सही पौधा स्थापित हो और शुभ फल प्राप्त हो सके.
लेकिन समस्या तब होती है जब असली शमी की जगह लोग गलती से नकली शमी (वीरतरु) का पौधा घर ले आते हैं. ऐसे में ज़रूरी है कि असली और नकली शमी की पहचान करना सीखा जाए.

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असली और नकली शमी में अंतर (How to Identify Real Shami)
- फूलों का रंग: असली शमी के पौधे में केवल पीले रंग के फूल खिलते हैं, जबकि नकली शमी के फूलों में हल्का गुलाबी और पीला रंग होता है.
- पत्तों का आकार: असली शमी के पत्ते फीके हरे और छोटे होते हैं, जो बबूल के पत्तों जैसे दिखते हैं. वहीं, नकली शमी के पत्ते गहरे हरे और बड़े आकार के होते हैं.
- कांटों की बनावट: असली शमी के कांटे दो पत्तियों के बीच छोटे आकार में होते हैं, जबकि नकली शमी के कांटे पत्तों के साथ बड़े और अधिक संख्या में होते हैं.
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