शुभम नांदेकर, पांढुर्णा। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमाओं पर तंबाकू तस्करी का काला कारोबार चरम पर है। गुरुवार सुबह जलालखेड़ा थाना पुलिस ने पांढुर्णा से जुड़े तंबाकू माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 6.92 लाख का अवैध माल जब्त किया। पुलिस ने मौके से पांढुर्णा के दो तस्करों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक आरोपी फरार बताया जा रहा है।

गुप्त सूचना पर बनी रणनीति

28 अगस्त 2025 की सुबह करीब 5 बजे थाना प्रभारी तुषार चव्हाण अपनी टीम के साथ गश्त पर थे। तभी मुखबिर से सूचना मिली कि एक मारुति सुजुकी स्विफ्ट कार (MH08X8899) अवैध तंबाकू लेकर भारसिंगी रोड की ओर बढ़ रही है। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए रोड ब्लॉक किया और संदिग्ध कार को रोक लिया।

दो तस्कर गिरफ्तार 

कार से दो युवक उतरे जिन्होंने अपना 30 वर्षीय विक्रम ज्ञानेश्वर कोरडे और 32 वर्षीय गुणवंत उपासराव वाघले बताया। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वाहन में प्रतिबंधित तंबाकू स्टॉक भरा हुआ है। पंचों की मौजूदगी में तलाशी ली गई, जिसमें 259.3 किलो सुगंधित तंबाकू जिसकी कीमत 1,92,352 रुपए है और स्विफ्ट कार जब्त की गई। इस तरह कुल 6 लाख 92 हजार 352 रुपए का माल पकड़ा गया।

मामला दर्ज 

पुलिस ने इस मामले में अपराध दर्ज कर कार्रवाई की है। आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। वहीं, एक अन्य आरोपी फरार है जिसकी तलाश के लिए पुलिस की विशेष टीम रवाना कर दी गई है।

पांढुर्णा बना तंबाकू तस्करी का गढ़ 

तंबाकू की इस तस्करी ने पांढुर्णा को बदनाम कर दिया है। बताया जाता है कि यहां से तंबाकू माफिया नागपुर, सावनेर, अमरावती, वरुड, नरखेड़, काटोल, वर्धा और जलालखेड़ा समेत महाराष्ट्र के अन्य शहरों तक माल पहुंचाते हैं। वर्षों से चर्चा है कि इस धंधे में कुछ पुलिसकर्मियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत है। पहले केवल 2 व्यापारी ही इस अवैध कारोबार में सक्रिय थे। लेकिन अब स्थिति यह है कि शारदा मार्केट, गणेश वार्ड, जवाहर वार्ड, बस स्टैंड, बंसोड़ कॉलोनी, शंकर नगर, तिगांव बायपास और मोरडोंगरी, बढ़चिचोली क्षेत्र में गोदाम भरे पड़े हैं। यहां से करोड़ों का स्टॉक छोटे-बड़े वाहनों में भरकर हर सप्ताह महाराष्ट्र भेजा जाता है।

प्रशासन और पुलिस की चुप्पी

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन और पुलिस को सब जानकारी होने के बावजूद अब तक बड़े गोदामों पर छापेमारी नहीं की गई। ट्रैफिक पुलिस भी रोज महाराष्ट्र जाने वाले वाहनों को देखती है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। इससे न केवल शासन को करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा है बल्कि नशे के कारोबार से क्षेत्र की युवा पीढ़ी भी बर्बादी की ओर बढ़ रही है।

कब होगी बड़ी कार्रवाई?

महाराष्ट्र की जलालखेड़ा पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या प्रशासन अब पांढुर्णा में फैले तंबाकू और मादक पदार्थों के गोदामों पर भी सख्त कदम उठाएगा या फिर यह कार्रवाई महज औपचारिकता बनकर रह जाएगी? साफ है कि जब तक बड़े रसूखदारों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक पांढुर्णा से महाराष्ट्र तक तंबाकू की तस्करी का सिलसिला थमने वाला नहीं है।

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