कुमार इन्दर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में जर्जर मकानों को तोड़ने को लेकर आज भारी विवाद हो गया. नगर निगम का अतिक्रमण हमला जैसे ही मालवीय चौक स्थित एक जर्जर मकान को तोड़ने के लिए मौके पर पहुंचा भारी हंगामा खड़ा हो गया. यहां तक कि नगर निगम के अमले और वहां मौजूद लोगों के बीच में मारपीट की नौबत आ गई. इतना ही नहीं मौके पर मौजूद कुछ वकीलों ने उपायुक्त वेद प्रसाद चौधरी को मारते हुए खदेड़ डाला.
दरअसल, नगर निगम कमिश्नर के निर्देश पर जर्जर मकानों को तोड़ने के लिए उपायुक्त अपनी टीम के साथ पहुंचे थे. जिस मकानों को तोड़ना था निगम की टीम उनका निरीक्षण कर रही थी. इस दौरान अचानक से वहां खड़े वकीलों से किसी बात को लेकर निगम उपायुक्त की बहस हो गई. इतने में ही वकील और उसके साथी निगम उपायुक्त पर टूट पड़े. पूरे सड़क में निगम उपायुक्त दौड़ लगाते रहते है और वकील उनका पीछा करते है.
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जर्जर मकान तोड़ने पहुंचा था अमला
बता दें कि जबलपुर में कई जर्जर मकान हैं. जिन्हें पहले से चिन्हित किया जा चुका है. उन्हीं में से एक मकान मालवीय चौक पर भी बना था. मालवीय चौक के उसी मकानों पर कार्रवाई करने के लिए जब निगम उपायुक्त मौके पर पहुंचे तो, वहां वकील जिसने मकान खरीद लिया था उससे विवाद हो गया. इतना सुनते ही वकील शार्दूल सिंह और उसके साथियों ने निगम अधिकारी पर हमला कर दिया. किसी तरह जान बचाकर भागने में निगम अधिकारी कामयाब हुए.
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प्रति किराएदार मांग रहा था 1 लाख
इधर वकील शार्दूल सिंह का कहना है कि उसने यह मकान ढाई लाख रुपए में खाली करवाने का केस लिया था. इसके अलावा ढाई लाख रुपए और देकर वह उस मकान को खरीद रहा था, लेकिन निगम उपायुक्त वेद प्रकाश चौधरी एक लाख रुपए की मांग कर रहे थे. जिसे मना किया तो उन्होंने अपने कर्मचारियों के साथ मारपीट की.
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घटना के बाद मौके पर पहुंचे विधायक
वहीं सड़क पर एक निगम के अधिकारी के साथ हुई मारपीट के बाद विधायक विनय सक्सेना भी मौके पर पहुंच गए. विधायक ने बताया कि जिस जर्जर मकान को तोड़ने के लिए नोटिस दिए गए थे. उसके पीछे कई और मकान बने हैं, जिनसे नगर निगम ने कहा था कि अपने मकान को दुरस्त करा लें. वहां रहने वाले ने मकान ठीक करवाने के बाद नोटिस का जवाब भी दे दिया था.
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