India Retail Inflation Rate: जून में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.08% हो गई है। यह महंगाई का 4 महीने में सबसे ऊंचा स्तर है। अप्रैल में महंगाई दर 4.85% थी। एक महीने पहले मई में महंगाई दर 4.75% थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने ये आंकड़े जारी किए।
खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से महंगाई बढ़ी है। खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 8.69 से बढ़कर 9.36% हो गई है। वहीं, शहरी महंगाई दर भी महीने-दर-महीने के आधार पर 4.21% से बढ़कर 4.39% हो गई है। ग्रामीण महंगाई दर भी 5.34% से बढ़कर 5.66% हो गई है।
महंगाई का क्या असर पड़ता है
महंगाई का सीधा संबंध क्रय शक्ति से है। उदाहरण के लिए, अगर महंगाई दर 6% है, तो कमाए गए 100 रुपये की कीमत सिर्फ 94 रुपये होगी। इसलिए महंगाई को ध्यान में रखकर ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की कीमत कम हो जाएगी।
महंगाई कैसे बढ़ती और घटती है
महंगाई का बढ़ना और घटना उत्पाद की मांग और आपूर्ति पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास ज़्यादा पैसा होगा तो वे ज़्यादा चीज़ें खरीदेंगे। ज़्यादा चीज़ें खरीदने से चीज़ों की मांग बढ़ेगी और अगर आपूर्ति मांग के मुताबिक नहीं होगी तो उन चीज़ों की कीमत बढ़ जाएगी।
इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। आसान शब्दों में कहें तो बाजार में पैसे का ज़्यादा आना या चीज़ों की कमी महंगाई का कारण बनती है। वहीं अगर मांग कम और आपूर्ति ज़्यादा है तो महंगाई कम होगी।
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