दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना का कहर फैला है। इसने बिजनेस से लेकर खेती तक सबको बर्बाद कर दिया है। अब इसका ताजा शिकार तेल हो गया है। कोरोना के चलते तेल की कीमतों में हाहाकार मच गया है।
कच्चा तेल इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। हाल ये है कि वायदा बाजार में सोमवार को कच्चे तेल की कीमतें इतिहास में पहली बार शून्य से भी नीचे पहुंच गईं। अमेरिकी बेंचमार्क क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) ने अब तक का सबसे बुरा दिन देखा। डब्ल्यूटीआई का वायदा भाव मई डिलीवरी के लिए कीमत शून्य से नीचे -60.63 डॉलर/बैरल तक पहुंचने के बाद -37 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।
दरअसल, बाजार खुलने पर कच्चे तेल के कारोबार की शुरुआत 18.27 डॉलर बैरल से हुई और घटते-घटते इतना नीचे पहुंच गई। वहीं, जून के लिए दाम 21.69 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। तेल में ये भारी गिरावट निवेशकों की चिंता का सबब बन गई है। लॉकडाउन के चलते दुनिया के कई देशों में गाड़ियां और उद्योग धंधे बंद हैं। जिसके चलते तेल की खपत न के बराबर पहुंच गई है। तेल उत्पादक देश दुनिया के दूसरे देशों से तेल खरीदने को कह रहे हैं लेकिन ज्यादातर देशों में लॉकडाउन के कारण कोई भी देश तेल नहीं खरीद रहा, इसलिए कीमतोंं में इतनी गिरावट दर्ज की गई।