वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कैंपस बंटवारे का मामला गरमाता जा रहा है. आईआईटी बीएचयू और बीएचयू के बीच दीवार को लेकर छात्रों में आक्रोश व्याप्त है. शनिवार को हजारों की संख्या में छात्र सड़क पर उतर आए. बताया जा रहा है कि सभी छात्रावासों में जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है. वहीं छात्र बैनर लेकर सड़कों पर उतर आए और मार्च निकाला.
आईआईटी बीएचयू में छात्रा से छेड़खानी की घटना के बाद दीवार बनवाने का फैसला लिया गया जिस पर छात्रों का कहना है कि ये सुरक्षा का सॉल्यूशन नहीं है. पहले से ही बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी का परिसर चारों तरफ से 10 से 12 फीट की दीवार से घिरा है. आईआईटी के साथ बीएचयू के बाकी छात्रों की सुरक्षा भी अहम है. ऐसे में सिर्फ घेरेबंदी में सिर्फ आईआईटी को घेरना कैसे सही हो सकता है.
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परिसर में बीएचयू और आईआईटी को मिलाकर करीब 90 छात्रावास हैं. इनमें करीब 20 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं रहते हैं. शिक्षक और कर्मचारियों के 600 से अधिक आवास भी हैं. जहां करीब पांच हजार लोग रहते हैं. ऐसे में सुरक्षा की बात पूरे परिसर की होनी चाहिए थी, न कि आईआईटी में दीवार बनवाने की.