नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने मजदूरों का न्यूनतम वेतन बढ़ाया है. न्यूनतम वेतन की नई दरें 1 अप्रैल से लागू की गई हैं. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में मजदूरों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है. महंगाई की मार झेल रहे श्रमिक वर्ग को न्यूनतम मजदूरी बढ़ने से राहत मिलेगी. इस बढ़ोतरी के बाद अकुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 16,064 से बढ़कर हुए 16,506, अर्धकुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 17,693 से बढ़कर 18,187 हुआ है. केजरीवाल सरकार दिल्ली के श्रमिकों को राहत देने के लिए हर 6 महीने में महंगाई भत्ते को बढ़ाती है.

ये भी पढ़ें: बेटे-बेटियों को सौंपिए अपनी नौकरी, टाटा स्टील ने कर्मचारियों को दिया ‘जॉब फॉर जॉब’ का ऑफर, नौकरी ट्रांसफर करने वाले कर्मचारी को भी मिलेंगे हर महीने 13 हजार रुपए

दिल्ली में मजदूरों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को दिल्ली के अकुशल, अर्धकुशल और अन्य श्रमिकों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी किया है, साथ ही उपमुख्यमंत्री ने सभी श्रमिकों और कर्मचारियों को बढ़ी हुई दर के साथ भुगतान सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि गरीब और मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए बढ़ती महंगाई के बीच यह बड़ा कदम उठाया गया है. इसका लाभ लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों को महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, जिन्हें सामान्यत: केवल न्यूनतम मजदूरी मिलती है. इसलिए दिल्ली सरकार ने महंगाई भत्ते को जोड़कर नए न्यूनतम वेतन की घोषणा की है.

ये भी पढ़ें: ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी दे रहा ”शताब्दी मौका”, 60 साल की उम्र को पार कर चुके कई पूर्व छात्र देंगे एग्जाम, 1 मई को यूनिवर्सिटी के पूरे हुए हैं 100 साल

श्रमिक वर्ग को मिलेगी न्यूनतम मजदूरी बढ़ने से राहत

महंगाई भत्ते के तहत अकुशल मजदूरों के मासिक वेतन को 16,064 रुपए से बढ़ाकर 16,506 रुपए, अर्ध कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 17,693 रुपए से बढ़ाकर 18,187 रुपए, कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 19,473 रुपए से बढ़ाकर 20019 रुपए किया गया है. इसके अलावा सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी की दर बढ़ाई गई है. इनमें गैर मैट्रिक कर्मचारियों का मासिक वेतन 17693 से बढ़ाकर 18187 रुपए, मैट्रिक लेकिन गैर स्नातक कर्मचारियों का मासिक वेतन 19,473 से बढ़ाकर 20,019 रुपए और स्नातक और इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले मजदूरों का मासिक वेतन 21,184 से बढ़ाकर 21,756 रुपए कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के बाद अब पीजी के लिए भी लागू हुआ कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट, जुलाई में PG-CUET परीक्षा, 19 मई से 18 जून तक कर सकते हैं आवेदन

हर 6 महीने में महंगाई भत्ते को बढ़ाया जाता है- मनीष सिसोदिया

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हालांकि हम सरकार के कई खर्चों में कटौती कर रहे हैं, लेकिन मजदूर भाईयों के हित का ध्यान रखते हुए हमने उनका महंगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय लिया है. कोरोना के कारण आज समाज का हर वर्ग आर्थिक रूप से प्रभावित हुआ है. ऊपर से दाल और तेल जैसी रोजाना के उपभोग की वस्तुएं भी महंगी हो गई हैं. उम्मीद करता हूं कि इस बढ़ोतरी से मजदूर भाईयों को सहायता मिलेगी. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में मजदूरों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन देश के अन्य किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के सभी श्रमिकों को राहत देने के लिए हर 6 महीने में लगातार महंगाई भत्ते को बढ़ाती है.