वीरेंद्र कुमार, नालंदा। बिहार में नई सरकार का गठन होने के बाद से अतिक्रमण के खिलाफ लगातार बुलडोजर एक्शन देखने को मिल रहा है। इस बीच बिहारशरीफ मुख्यालय के भरावपर से लेकर खंदक मोड़ तक के इलाका में उस समय दहशत फैल गया, जब नगर निगम की टीम ने अतिक्रमणकारियों को 10 दिसंबर की अंतिम डेडलाइन सुनाते हुए सख्त चेतावनी दी। जैसे ही अल्टीमेटम की घोषणा हुई, पूरे बाजार में खलबली मच गई।

हालात उस समय ज्यादा बिगड़ गए, जब एक दुकानदार और नगर निगम कर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हो गई। टकराव के दौरान दुकानदार के हाथ में गहरा कट लग गया। गुस्से में आकर दुकानदार ने ईंट उठाकर निगम कर्मियों पर फेंक दी, जिसके बाद टीम को पीछे हटना पड़ा। इस वजह से कुछ देर के लिए माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया।

घटना के बाद बाजार के दुकानदारों में बुलडोजर एक्शन का साफ खौफ दिखने लगा। जो लोग वर्षों से बोर्ड, बैनर, शेड, टीन, फुटपाथ और अन्य प्रकार के अतिक्रमण किए बैठे थे, वे खुद ही तेजी से हटाने में जुट गए। कई दुकानों के सामने देर रात तक कटिंग और साफ-सफाई का काम चलते देखा गया। नगर निगम की टीम ने माइकिंग में साफ कहा कि, समय सीमा के भीतर स्वयं अतिक्रमण हटाइए, वरना बुलडोजर तो चलेगा ही, साथ ही भारी जुर्माना भी लगेगा।

स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का समर्थन किया है, लेकिन इसके साथ ही एक प्रमुख मुद्दा भी उठाया है। उनका कहना है कि इलाके की सबसे बड़ी समस्या ई-रिक्शा का अनियंत्रित परिचालन है।

आक्रोशितों ने कहा कि अतिक्रमण हट जाए, पर ई-रिक्शा का संचालन नियंत्रित न हो तो जाम खत्म नहीं होगा। ई-रिक्शा पूरे दिन सड़क के किनारे खड़े रहते हैं, ओवरलोडिंग करते हैं और सड़क के बहाव को रोक देते हैं, जिससे घंटों जाम की स्थिति बनती है। अब जब 10 दिसंबर का काउंटडाउन तेज हो चुका है, बाजार का हर दुकानदार डेडलाइन से पहले अतिक्रमण मुक्त होने की होड़ में लगा है। निगम ने साफ किया है कि तय तारीख पर कार्रवाई हर हाल में होगी।

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