भोपाल. मानव अधिकार आयोग ने मध्यप्रदेश के डीआईजी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। गिरफ्तारी वारंट आईजी भोपाल के जरिये तामील कराने कहा है। आयोग ने उन्हें 31 मार्च को उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के निर्देश भी दिए हैं.

यह है पूरा मामला

मानव अधिकार आयोग को 27 दिसम्बर 2019 को शिव नगर कालोनी निवासी कविता रावत गोंड ने शिकायत की थी। शिकायत में देवरानी, जेठानी के मध्य विवाद होने पर एसआई राकेश तिवारी व अन्य (पुलिस थाना छोला रोड) ने दोनों महिलाओं को बुलाकर मारपीट, अश्लील हरकत और 50 हजार रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। दोनों महिलाओं का अपराध बताये बिना और परिजनों को सूचित किये बिना ही जेल भिजवा दिया था। इसके अलावा इस संबंध में कहीं शिकायत करने पर हत्या की धमकी भी दी गई थी.

समय सीमा में नहीं भेजा प्रतिवेदन

इस मामले में आयोग ने 20 जनवरी से 24 दिसम्बर 2020 तक डीआईजी भोपाल इरशाद वली को कई नामजद सूचना पत्र भेजकर प्रतिवेदन देने कहा गया था। डीआईजी वली की ओर से प्रतिवेदन अबतक प्राप्त नहीं हुआ है। इस पर आयोग द्वारा अब व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 32 (ग) के अधीन डीआईजी को नामजद नोटिस जारी किया है। नोटिस में उन्हें निर्देशित किया है कि वे 31 मार्च 2021 को आयोग के समक्ष स्वयं उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण दें। आयोग ने डीआईजी वली के नाम पांच हज़ार रुपए का जमानती गिरफ्तारी वारंट 18 मार्च 2021 को ही जारी कर दिया है.