उत्तम कुमार/मुजफ्फरपुर। जिलें में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 27 वर्ष पुराने एक मामले का सफल निष्पादन सुलह-समझौते के आधार पर किया गया। यह लोक अदालत जिला न्यायालय परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में लगाई गई थी।

1998 का मामला, पीड़ित को था न्याय व्यवस्था पर भरोसा

जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव जय श्री कुमारी ने बताया कि वर्ष 1998 के केस संख्या 166 में महादेव दास का मामला राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाया गया। बेंच नंबर-24 में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी ज्योति कुमारी के समक्ष दोनों पक्षों के बीच सुलह हुई।

बताया गया कि वर्ष 1998 में महादेव दास अपने परिवार के लिए बंधन पोर्शन (कपड़ा) लेने जा रहे थे। इसी दौरान गांव के कुछ लोगों ने उनके साथ बदतमीजी की और उनके पास मौजूद थोड़ी-बहुत रकम छीन ली। घटना के बाद महादेव दास घर लौट आए। परिजनों ने उन्हें मामला भूलने की सलाह दी लेकिन उन्हें न्याय व्यवस्था पर गहरा भरोसा था।

न्याय की आस में हुआ निधन, लोक अदालत ने दिलाई राहत

महादेव दास ने अन्याय के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया लेकिन न्यायिक प्रक्रिया की व्यस्तता के कारण मामले का निष्पादन लंबे समय तक नहीं हो सका। इसी बीच न्याय की उम्मीद लगाए बैठे महादेव दास का निधन हो गया।

लोक अदालत के दौरान जब मामले की जानकारी ली गई तो पता चला कि उनकी एकमात्र पुत्री है, जिनका विवाह हो चुका है। पुत्री को बुलाकर उनकी सहमति से सुलह कराई गई और वर्षों पुराने केस से परिवार को मुक्ति दिलाई गई। राष्ट्रीय लोक अदालत ने एक बार फिर साबित किया कि यह त्वरित और मानवीय न्याय का सशक्त माध्यम है।