प्रमोद कुमार/कैमूर। व्यवहार न्यायालय परिसर, भभुआ में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार अनुराग ने कहा कि सुलह के आधार पर विवादों का निपटारा समाज में स्थायी शांति और सद्भाव लाता है। उन्होंने कहा कि आपसी समझौते से मुकदमे समाप्त होने पर न कोई हारता है, न जीतता है, बल्कि शांति की विजय होती है जो परिवार, समाज और देश की उन्नति में सहायक है।
बैंक और अधिकारियों से संवेदनशीलता की अपील
प्रधान जिला जज ने न्यायिक पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं, बैंककर्मियों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों और पारा लीगल वॉलेंटियर से मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए ग्रामीणों और पक्षकारों को अधिकतम राहत देने की अपील की। उन्होंने बैंकों से विशेष रूप से कृषि एवं ग्रामीण ऋण मामलों में संवेदनशील रुख अपनाने और अधिक से अधिक रियायत देने का आग्रह किया।
लोक अदालत से मिलता है त्वरित और सस्ता न्याय
तृतीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश विनय प्रकाश तिवारी ने कहा कि लोक अदालत में सुलह के आधार पर केस समाप्त होने से लंबी मुकदमेबाजी से राहत मिलती है। लोक अदालत के निर्णय के खिलाफ अपील नहीं होती जिससे समय और धन दोनों की बचत होती है। जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार ठाकुर ने लोक अदालत को विवादों के स्थायी समाधान का प्रभावी माध्यम बताया।
ग्रामीण ऋणियों को राहत देने की मांग
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ चौबे ने ग्रामीण बैंकों से गरीब किसान और मजदूर ऋणियों को अधिक छूट देकर ऋणमुक्त करने की मांग की।
बेंचों की जानकारी और सहयोग का आह्वान
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सुमन सौरभ ने बताया कि भभुआ में नौ और अनुमंडलीय न्यायालय मोहनियां में तीन बेंच गठित की गई हैं। किसी भी समस्या के समाधान के लिए हेल्प डेस्क से संपर्क करने की अपील की गई। कार्यक्रम में कई न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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