एक मां को अपने मरे हुए बच्चे की लाश ले जाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों ने एक अदद एंबुलेंस दिलवाना तो दूर, मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करना पड़ेगा, इससे बचने के लिए अस्पताल से भगा दिया. इंसानियत के नाते पहले तो उन्हें एक बेबस मां को मासूम की लाश ले जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया करवानी चाहिए थी, उल्टा अस्पताल में मरे अपने 5 साल के बच्चे की लाश मां को कंधे पर लादकर ले जानी पड़ी. मां जिस तरह मृत पुत्र को कंधे पर ले जा रही थी उसे देख लोगों का हृदय द्रवित हो रहा था. यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.
कुशीनगर स्थित तमकुहीराज के तमकुही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों की संवेदनहीनता इस कदर मर चुकी है कि उन्होंने महिला को अस्पताल से भगा दिया. असल में अस्पताल कर्मचारियों ने इसलिए मां को बच्चे की लाश के साथ खदेड़ दिया क्योंकि उन्हें मृत्य प्रमाण पत्र बनाकर देना पड़ता. सरकारी अस्पताल से मृत्य प्रमाणपत्र देने का का झंझट आमतौर पर कर्मचारी नहीं लेते हैं, खासकर तब जब मरीज गरीब और कमजोर पृष्ठभूमि का हो.
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जानकारी के मुताबिक बिहार के रहने वाले नगर पंचायत ओहाब अंसारी नगर पंचायत तमकुहीराज कस्बा में किराए का मकान लेकर रहते हैं और रोजी रोटी के लिए राज मिस्त्री का काम किया करते हैं. सोमवार 1 अगस्त को दोपहर में जब ओहाब अंसारी का 5 वर्षीय पुत्र नूर मोहम्मद जब खेल रहा था तो खेलते-खेलते अचानक वह बिजली की चपेट में आ गया. विद्युत स्पर्शाघात के शिकार अपने बच्चे को लेकर आनन फानन में रोती-बिलखती मां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तमकुहीराज लेकर पहुंची, जहां चिकित्सक ने जांच करने के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया.
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