मुकेश सेन, टीकमगढ़। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में एक बार फिर इंसानियत शर्मसार हुई है। यहां के जिला अस्पताल में एक व्यक्ति अपने मामा का शव कंधे पर रखकर शव वाहन के इंतजार में अस्पताल परिसर के भीतर चक्कर लगाता रहा। लेकिन शव ले जाने के लिए उसे वाहन नहीं मिला। जिसके बाद आखिर में शव को टैक्सी में भरकर घर ले जाया गया। 

 दरअसल थाना कोतवाली क्षेत्र के मवई गांव निवासी मुन्नी कुशवाहा जिले अस्पताल में भर्ती थे। यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजनों ने शव घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन से शव वाहन उपलब्ध कराने की मांग की। लेकिन घंटो इंतजार के बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया। इस दौरान मृतक का भांजा रमेश कुशवाहा अपने मामा के शव को कंधे पर लादकर घंटों तक अस्पताल परिसर में इधर से उधर भटकता रहा। उसके बाद भी जब उसे शव वाहन नहीं मिला तो परिजन थक हारकर शव को एक टैक्सी में रखकर अपने गांव ले गये।  

इस मामले में टीकमगढ़ जिला अस्पताल मैनेजरअंकुर साहू का कहना है कि 60 वर्षीय व्यक्ति को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। जब मरीज की तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उन्हें सागर जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया। लेकिन परिजन मरीज को अपने गांव ले जाना चाहते थे। इसके लिए एम्बुलेंस तैयार नहीं था। वहीं मरीज की मौत के बाद शव वाहन की व्यवस्था क्यों नहीं की गई इसकी जांच की जा रही है। जो भी इस मामले में आरोपी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एक ओर जहां शासन प्रशासन अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं का दंभ भर रहा है। इस प्रकार की  घटनाएं स्वास्थ्य व्यवस्था में की खामियों को उजागर कर रही है। अब इस मामले में अस्पताल प्रशासन क्या कार्रवाई करती है। यह देखने वाली बात होगी। 

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