अखिलेश बिल्लौरे, हरदा. मध्य प्रदेश के हरदा में पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के मामले पीड़ितों का 16 दिन से चला धरना आज खत्म हो गया. मुख्यमंत्री मोहन यादव और कलेक्टर आदित्य सिंह ने 16 मार्च तक सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया. इसके बाद पीड़ितों ने भूख हड़ताल खत्म कर दी. हादसे में 13 लोगों की मौत हुई थी.

शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह धरना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने वहीं से सीएम मोहन यादव से फोन पर बात की. सीएम से एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेश के मुताबिक पीड़ितों और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की थी. सीएम ने उन्हें भरोसा दिलाया कि पीड़ितों की मांग को समय सीमा में पूरा कर दिया जाएगा. इसके बाद घटनास्थल शहर का मुख्य बाजार घंटाघर पर ही हड़ताल पर बैठी अवनि बंसल और परेश नागर को दिग्विजय सिंह ने जूस पिलाकर भूख हड़ताल खत्म कराया.

मृतकों के परिजनों को मिलेंगे 15 लाख

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सर्किट हाउस में कलेक्टर आदित्य सिंह और प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा की. कलेक्टर आदित्य सिंह ने कहा कि एनजीटी के आदेश के बाद जिला प्रशासन हादसे में मारे गए सभी 13 लोगों के परिजनों को 15-15 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल को 5 लाख रुपए और घायलों को तीन लाख रुपये मुआवजा देगा.

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क्षतिग्रस्त मकानों को मिलेंगे 5-5 लाख

जिन परिवारों के मकान हादसे में क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें 5 लाख रुपए दिए जाएंगे. चाहे आरोपी का मकान नीलाम हो या ना हो. सभी पीड़ितों को सरकार ही खजाने से मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया जाएगा.

16 दिन से न्याय को लेकर कर रहे थे भूख हड़ताल

बता दें कि 6 फरवरी को पटाखा फैक्ट्री हादसे के पीड़ित परिवार सर्व समाज के मंच पर धरने पर बैठे हुए थे. जिसमें अधिवक्ता अवनि बंसल और भारत छोड़ो यात्री परेश नागर भी पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे थे.

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