आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. बस्तर के कांगेर वैली (कांगेरघाटी) राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीवों की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है. पेदावाड़ा चौक के पास आज दोपहर एक तीर से घायल हिरण दौड़ता हुआ नेशनल हाइवे 30 तक आ पहुंचा और वहीं गिर पड़ा. राहगीरों ने तत्काल वन विभाग को सूचना दी. मौके पर पहुंचे कर्मचारियों ने घायल हिरण को सड़क किनारे किया, लेकिन इलाज शुरू होने से पहले ही उसने तड़पते हुए दम तोड़ दिया. इस घटना ने न केवल संवेदनशील वन क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि शिकारियों के हौसले अब जंगलों तक ही सीमित नहीं रह गए हैं.


इस मामले को लेकर कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के एसडीओ कमल तिवारी ने बताया कि हिरण के शरीर में तीर घुसा हुआ था, इससे यह स्पष्ट है कि शिकार की कोशिश की गई है. पोस्टमार्टम के बाद विधिवत अंतिम संस्कार किया जाएगा. वहीं आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है.

इस घटना से एक बार फिर यह साफ हुआ है कि जंगलों में वन्यजीव अब पूरी तरह महफूज नहीं हैं. कड़ी निगरानी और गश्त के दावों के बावजूद शिकारी खुलेआम अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं. खासकर ऐसे इलाके जहां हाइवे जंगल से सटे हैं, वहां यह खतरा और बढ़ गया है.
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