आलोक श्रीवास्तव, शाजापुर। प्यार में आपने ताजमहल और पहाड़ का सीना चीड़ने की खबरें तो सुनीं और पढ़ी होगी। लेकिन शाजापुर जिले के सांपखेड़ा गांव से प्यार की एक अनोखी कहानी निकलकर सामने आई है, जहां पत्नी की कोरोना से मौत होने पर महिला के पति और बेटों ने मिलकर मंदिर बना दिया। परिवार से सभी सदस्य रोज सुबह-शाम पूजा अर्चना करते हैं।


शाजापुर जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर सांपखेड़ा गांव में रहने वाले नारायण सिंह की पत्नी गीताबाई की कोरोना बीमारी के चलते मौत हो गई थी। धार्मिक प्रवृत्ति के नारायण सिंह का अपनी पत्नी से बेहद लगाव था। इनके बेटे भी अपनी मां की मौत के बाद टूट गए थे। ऐसे में बेटों और पति ने उनकी स्मृति में घर के बाहर एक मंदिर बनाने का सोचा। आखिरकार परिजनों की इच्छा पर नारायण सिंह ने अपनी पत्नी का मंदिर बनवाने की सोच को मूर्त रूप दिया।

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राजस्थान में ऑर्डर देकर बनाई मूर्ति
पत्नी की मौत के तीसरे ही दिन पति और महिला के बेटों ने अलवर राजस्थान में गीता बाई की मूर्ति बनवाने का ऑर्डर दिया। डेढ़ माह बाद तीन फ़ीट बड़ी यह सुंदर प्रतिमा बनकर आ गई। जिसे इनके परिजनों ने अपने घर के बाहर एक छोटा सा मंदिर बनाकर उसमें पूरे विधि विधान के साथ मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की। अब हर रोज सुबह शाम नारायण सिंह और उनके बेटे नियमित पूजा करते हैं।

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पत्नी को देवी स्वरूप मानेत हैं नारायण सिंह
महिला के बेटे भी चाहते थे कि माँ भले ही इस दुनिया से चली गई हो लेकिन इस प्रतिमा के तौर पर सदैव उनके साथ रहे। वहीं नारायण सिंह भी अपनी पत्नी को देवी स्वरूप मानते है और उनके आचरण और संयमित जीवन शैली की तारीफ़ करते नहीं थकते।

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