गरियाबंद। आर्थिक तंगी के चलते आग के हवाले कर मौत को गले लगाने जा रही प्रभा को बचाने के फेर में उसका परिवार और कर्जदार बन चुका है. सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मिल पाने से निजी अस्पताल में परिजन उसका इलाज करा रहे हैं. पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे पति को इलाज के लिए पांच लाख रुपए जुटाने मशक्कत करनी पड़ रही है. हालत यह है कि पति पैसों की खातिर अपने को गिरवी रखने की बात कह रहा है.
शनिवार को धौराकोट के आश्रित ग्राम भड़भड़ी पारा की 24 वर्षीय बिहाता प्रभा नागेश ने खुद पर केरोसिन छिड़क कर आत्मदाह का प्रयास किया था. परिजनों ने 50 फीसदी से ज्यादा जल चुकी महिला को देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराने के बाद बेहतर इलाज के लिए डीकेएस रायपुर के लिए रेफर कर दिया गया था. लेकिन पीड़िता को राजधानी में सही इलाज केवल इसलिए नहीं मिल सका, क्योंकि डीकेएस के बर्न यूनिट के सर्जन छुट्टी पर चले गए थे.
पीड़ित महिला के देवर हुकमत नागेश ने बताया कि देवभोग से 1 बजे निकलने के बाद शाम 7 बजे रायपुर के अम्बेडकर अस्पताल पहुंचे, जहां भाभी को आईसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया, लेकिन वहां ड्रेसिंग भर हो सका, अम्बेडकर अस्पताल प्रबंधन ने शनिवार रात को ही डीकेएस बर्न यूनिट भेज दिया था. रात में कोई इलाज नहीं हो सका. अगले दिन उपचार की जानकारी लेने पर स्टाफ ने रविवार का हवाला देकर डॉक्टरों के न होने की बात कही. भाभी की जान बचानी थी इसलिए उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा.
5 लाख का बता रहे हैं खर्च
पति पीताम्बर नागेश ने बताया कि एक दिन में 45 हजार खर्च हो चुके हैं. और अभी 10 से 15 दिन ठीक होने में लगने की बात कही है. घर चलाने पहले से ही कर्ज ले चुका था, अब कोई रास्ता नहीं दिख रहा है. परेशान पीताम्बर ने कहा कि कोई मदद करेगा तो मैं खुद को गिरवी रखने को तैयार हूं. उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते बाहर काम बन्द हो गया, परिवार वाले मिलकर 12 हजार ईंट बनाये हुए हैं, वह भी नहीं बिका है. परिवार बीपीएल की श्रेणी में आता है, हेल्थ कार्ड भी है, लेकिन लिमिट होने के कारण और पैसों की जरूरत बताया जा रहा है. ऐसे मे इस गरीब परिवार को सरकारी मदद का इंतजार है.
3 साल की मासूम ने त्याग दिया अनाज
घर में दादी के साथ प्रभा की 3 साल की इकलौती बेटी संगीता मां के वियोग में रो रही है. घटना के बाद से संगीता अनाज नहीं खा रही है. दादी व अन्य परिजन लगातार संगीता के देख भाल में जुटे हुए हैं.