मनोज यादव, कोरबा. पंचायत सचिव की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. इस मामले में पति ही हत्यारा निकला. बच्चे लेने और अबार्शन कराने की बात को लेकर वारदात को अंजाम दिया था. शव को ले जाने से मां ने इंकार किया तो खुद आरोपी पति ने दोस्तों के साथ मिलकर अंतिम संस्कार कर दिया था. पूरा मामला कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड का है.
बता दें कि बांगो पंचायत में सचिव के पद पर पदस्थ 22 वर्षीय सुषमा खुसरो की अधजली लाश जिला जेल के पीछे हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मिली थी. घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और फारेंसिक एक्सपर्ट की मदद से जांच कराई. इस मामले में पति ही हत्यारा निकला. जानकारी के मुताबिक दोनों पत्नी-पत्नी पंचायत सचिव थे और दो साल पहले ही लव मैरिज हुई थी.


घर में बताए बिना लव मैरिज कर किराए के मकान में रहते थे
बताया जा रहा है कि मृतिका सुषमा खुसरो और आरोपी अभिनेक लदेर दोनों अनुकंपा नियुक्ति पर पंचायत सचिव के पद पर पदस्थ थे. दोनों ने दो साल पहले ही लव मैरिज की थी. दोनों की मुलाकात ट्रेनिंग के दौरान हुई थी. पहले दोस्ती हुई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदला. फिर दोनों ने शादी कर एक साथ जिंदगी बिताने का फैसला लिया. दोनों शादी होने की बाद घर पर नहीं बताए थे और कोरबा के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में किराया के मकान पर रहते थे.
एक महीने की गर्भवती थी पत्नी
इस मामले में कोरबा सीएसपी भूषण एक्का ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पांच टीम तैयार की गई थी. 65 सीसीटीवी फुटेज और लगातार पूछताछ के बाद मामले का खुलासा हुआ. बच्चे लेने और अबार्शन को लेकर पति-पत्नी के बीच अक्सर विवाद हुआ करता था. सुषमा खुसरो एक माह की प्रेग्नेंट थी, इसलिए आरोपी पति ने गला घोट कर पत्नी की हत्या कर शव को जलाने का प्रयास किया था.
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