दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने 2018 में बवाना क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका की हत्या की साजिश में मॉडल एंजल गुप्ता सहित 6 आरोपियों को दोषी ठहराया है. सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने मृतका के पति मंजीत सेहरावत को मुख्य दोषी माना, जो एंजल गुप्ता (शशिप्रभा) के साथ रिश्ते में था. मृतका का नाम सुनीता था, और उसे अपने पति के एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर के बारे में जानकारी मिल गई थी.
मंजीत, एंजल गुप्ता और उसके पिता ने मिलकर एक साजिश रची, जिसके तहत उन्होंने 2 कॉन्ट्रैक्ट किलर को नियुक्त किया. इन किलरों ने सुनीता को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) धीरेंद्र राणा ने मंजीत सेहरावत, उसकी प्रेमिका एंजल गुप्ता और अन्य चार आरोपियों को सुनीता की हत्या की साजिश में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई.
पुलिस के अनुसार, 38 वर्षीय सुनीता सोनीपत जिले के फिरोजपुर में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका थीं. वर्ष 2016 में सुनीता को अपने पति मंजीत के अवैध संबंधों का पता चला, जिसके बाद दोनों के बीच कई बार विवाद हुआ. इस तनाव के चलते मंजीत ने अपनी पत्नी सुनीता की हत्या की योजना बनाई, ताकि वह अपनी प्रेमिका एंजल गुप्ता से विवाह कर सके. इस साजिश में एंजल ने भी मंजीत का साथ दिया, और दोनों ने सुनीता की हत्या के लिए बदमाशों को 10 लाख रुपये की सुपारी दी, जिसमें से 45 हजार रुपये आरोपियों के बैंक खाते में अग्रिम रूप से ट्रांसफर किए गए थे.
स्कूल जाते समय की गई सुनीता की हत्या
29 अक्टूबर 2018 को सुबह, सुनीता, जो एक स्कूल टीचर थीं, की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उस दिन सुनीता को अपने बैच के एकेडमिक कार्यों के लिए स्कूल में सम्मानित किया जाना था. सुनीता के परिवार ने हत्या के पीछे उसके पति मंजीत का हाथ होने का संदेह व्यक्त किया. पुलिस को सुनीता की एक डायरी भी मिली, जिसमें उसकी और उसके पति की कुछ व्यक्तिगत बातें दर्ज थीं.
पति और पति की प्रेमिका से पूछताछ
पुलिस ने मामले की जांच शुरू करते हुए सुनीता के पति से पूछताछ की, जिसमें उसके अवैध संबंधों का खुलासा हुआ. इस जांच के दौरान, सुनीता के पति मंजीत, उसकी प्रेमिका मॉडल एंजल गुप्ता और एंजल के पिता को आरोपी बनाया गया. पूछताछ और उपलब्ध सबूतों के आधार पर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार करने का दावा किया. पुलिस ने बताया कि करवाचौथ के दिन मंजीत ने सुनीता की हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया.
7 साल बाद सुनीता हत्याकांड में फैसला
कोर्ट ने मंजीत, एंजेल, और राजीव सेठी के अलावा शहजाद सैफी, विशाल उर्फ जॉनी, और धर्मेंद्र को दोषी ठहराते हुए 8 मई को उम्रकैद की सजा सुनाई. इस मामले में फैसला सात साल बाद आया है, जिसके बाद अब आरोपियों को जेल की सजा का सामना करना होगा.
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