Hyderabad Karachi Bakery: हैदराबाद के प्रसिद्ध कराची बेकरी में तोड़फोड़ की गई है। भारत माता की जय का नारा लगाते हुए कुछ लोग कराची बेकरी में घुस आए। इसके बाद बवाल मचाते हुए तोड़फोड़ शुरू कर दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने अराजक तत्वों को बेकरी से बाहर निकाला। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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दरअसल पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच यहां बीते दिनों से रोज हो प्रदर्शन हो रहा है। कोई न कोई संगठन, हिंदू संगठन और स्थानीय लोग कराची बेकरी का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं। हाथों में तिरंगा लिए और गले में भगवा गमछा डाले लोग कराची बेकरी के सामने पहुंचकर नारेबाजी कर रहे हैं।

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रविवार को भी शमशाबाद स्थित कराची बेकरी स्टोर हाथों में तिरंगा लिए और गले में भगवा गमछा डाले कुछ लोग पहुंच गए। इसके बाद अंदर घुस गए। मामला इतना बढ़ गया कि प्रदर्शनकारियों ने दुकान के नाम वाले बोर्ड को डंडे से मारकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। तोड़फोड़ की। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें खदेड़कर भगाया। विवाद बढ़ने पर बेकरी के मालिकों ने दुकान के बाहर लगे बोर्ड को आधा ढक दिया। उन्होंने इसे इस तरह के ढका कि उसका कराची छिप गया और सिर्फ बेकरी नजर आ रहा था। वहीं कराची बेकरी के आसपास भारी पुलिस फोर्स भी तैनात किया गया है।

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पुलिस में दर्ज हुआ केस

आरजीआई हवाई अड्डा पुलिस थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें उन पर दुकान के सामने विरोध प्रदर्शन करके ग्राहकों को बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। शहर स्थित कराची बेकरी एक ब्रांड है और उनकी बेकरी की चेन है। बेकरी के मालिकों ने पहले स्पष्ट किया था कि उनकी बेकरी सौ फीसदी भारतीय ब्रांड है।

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बंटवारे के बद भारत आए खानचंद ने की थी स्थापना

मामले में कराची बेकरी के प्रवर्तक राजेश रामनानी और हरीश रामनानी ने कहा कि उनके ब्रांड की स्थापना 1953 में हैदराबाद में उनके दादा खानचंद रामनानी ने की थी। वह भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद विभाजन के दौरान पाकिस्तान से भारत आ गए थे। वास्तविकता यह है कि यह भारत के हैदराबाद का ब्रांड है। राजेश और हरीश ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, पुलिस महानिदेश (डीजीपी) और पुलिस से कराची बेकरी की ब्रांड पहचान को बनाए रखने व किसी भी जबरन नाम परिवर्तन को रोकने में मदद करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हम भारतीय हैं। हमारा नाम हमारे इतिहास का हिस्सा है, हमारी राष्ट्रीयता का नहीं।

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