Hydroponic Technique of Growing Plants: बढ़ती आबादी और शहरीकरण के चलते खेती की जमीन कम हो रही है, लेकिन अब हाइड्रोपोनिक्स और एयरोपोनिक्स जैसी आधुनिक तकनीकें किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं. महाराष्ट्र के बारामती कृषि विज्ञान केंद्र ने नीदरलैंड की इन तकनीकों को सफलतापूर्वक अपनाकर यह दिखा दिया है कि कम पानी और बिना मिट्टी के भी खेती संभव है.

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक (Hydroponics Techniques) के फायदे

1. मिट्टी की आवश्यकता नहीं: फसलें पानी या कोकोपीट (नारियल का भुसा) में उगाई जाती हैं.

2. कम पानी की खपत: पारंपरिक खेती की तुलना में पानी की खपत बेहद कम होती है.

3. बीमारियों से बचाव: मिट्टी से जुड़ी बीमारियों का खतरा नहीं होता.

4. उत्पादन में वृद्धि: परंपरागत खेती की तुलना में 30-35% अधिक उत्पादन.

5. शहरी उपयोग: सीमित जगह में, जैसे छतों और आंगन में भी खेती संभव है.

6. लचीलापन: पथरीली या बंजर जमीन पर भी इस तकनीक का उपयोग किया जा सकता है.

फसलों का चयन

इस तकनीक का उपयोग मुख्यतः सब्जियों और फलों की खेती में हो रहा है. जैसे:पत्तेदार सब्जियाँ: सलाद पत्ता, पालक खीरा, शिमला मिर्च में किया जा सकता है.

तकनीक की उपयोगिता

बारामती कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक यशवंत जगदाले के अनुसार, यह तकनीक किसानों को न केवल कम जगह में अधिक उत्पादन देने में मदद करती है, बल्कि इससे फसलों की गुणवत्ता भी बेहतर होती है. यह शहरी क्षेत्रों में खेती के लिए एक क्रांतिकारी समाधान साबित हो सकती है.